सनातन धर्म में गंगा का बहुत महत्व है। गांगा नदी को माता की रूप में पूजा जाता है। वहीं पूरे देश में 30 मई दशहरा मनाया जाता है और इसका बहुत ज्यादा महत्व भी है। इस पूरे देश में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। वहीं कुछ खास जगहों पर गंगा दशहरा के लिए पूरे भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं। अगर आप भी गंगा दशहरा पर जाकर दर्शन करने की सोच रहें तो इन 5 जगहों पर जा सकते हैं। यहां पर जाकर गंगा दशहरा का अद्भुत रूप देखने को मिलता है....
हरिद्वार
हरिद्वार एक होली सिटी है । यहीं से गंगा नदी पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़ते हुए मैदानी क्षेत्रों में प्रवेश करती है। इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान यहां पर अमृत की बूंदें गिरी थीं, इसकी वजह से ही यहां पर हर 12 साल के बाद कुंभ का आयोजन होता है। यही वजह है कि हरिद्वार में गंगा दशहरा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
ऋषिकेश
ऋषिकेश में भी गंगा दशहरा के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं। कहा जाता है कि कि इस स्थान पर सनातन धर्म की तीन प्रमुख नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन यानी संगम होता है। इसी जगह से गंगा नदी दायीं ओर मुड़ जाती है। यहां हर शाम मां गंगा की विशेष पूजा-आरती का आयोजन होता है।
इलाहाबाद
संगम नगरी यानी कि गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन होने वाली नगरी इलाहाबाद में गंगा दशहरा बहुत ही खास होता है। क्योंकि यहां कुंभ का भी आयोजन होता है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यही वजह है कि गंगा दशहरा के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
वाराणसी
यूपी में बसी शिव नगरी यानी कि वाराणसी में हर साल गंगा दशहरा के मौके पर लाखों की संख्या श्रद्धालु आते हैं और मां गंगा में स्नान कर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वाराणसी में 87 घाट हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। विद्वान कहते हैं कि काशी में गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
गढ़मुक्तेश्वर
गंगा घाट पर बसे गढ़मुक्तेश्वर में मां गंगा का मंदिर भी बना है। इसके अलावा गंगा दशहरा के मौके पर यहां विशाल स्तर पर मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं और मां गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष प्राप्ति का आर्शीवाद मांगते हैं।