साड़ी डिजाइन: मॉडर्न समय में इंडियन महिलाओं की जरूरतें, आदतें और लाइफस्टाइल भी काफी बदल चुका हैं। यहां तक कि फैशन और इसकी परिभाषाएं भी बदल गई हैं। फिर भी, जब हम इतिहास के पृष्ठों को देखते हैं, तो हमें पता चलता हैं कि भारतीय महिलाएं हमेशा से इंडियन साड़ियों की फैंस रही हैं। उनका साड़ी पहनने का स्टाइल भी नहीं बदला। अगर आप भी साड़ियां पहनना पसंद करती है और शादी करने वाली है तो अपनी शादी की कलैक्शन में कुछ मशहूर साड़ियां शामिल करना न भूले। आज हम आपको कुछ इंडियन साड़िय़ों के बारे में बताएंगे, जिन्हें इंडियन ब्राइड भी ट्राई करना पसंद करती है।
साड़ी के डिजाइन
इन साड़ियां का कलर, मैटिरियल और डिजाइन्स इतना खूबसूरत और पंसद किया जाने वाला है, जिन्हें सभी इंडियन महिलाए अपने वॉर्डरोब का हिस्सा बनाना चाहेगी। आइए हम आपको भारत के विभिन्न हिस्सों में मिलने वाली डिफरैंट साड़ियों पर नजर डलवाते है, जिन्हें पहनकर आप स्टनिंग दिख सकती है।
साड़ी डिजाइन फोटो - Saree Design Photo
वाराणसी से उद्भव यह भारत में मौजूद शहर बनारसी साड़ी के लिए मशहूर है। हैवी ब्रोकैड और ज़री वर्क में Gauge silk वाली बनारसी साड़ी दुल्हनों के लिए बिल्कुल परफैक्ट है। बनारसी साड़ी को मुगलों द्वारा भारत में पेश किया गया था और इसलिए, मुगल आकृति और डिजाइन इन साड़ियों में आम देखने को मिलते है।
साड़ी डिजाइन नई - New Saree Design 2019
चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में स्थित एक छोटा सा शहर है। चंदेरी साड़ी रेशम और कॉटन का मिश्रण हैं, जो इस साड़ी को हल्का बनाते हैं। चंदेरी साड़ियों में अद्वितीय पारदर्शी संरचना होती है , जिस वजह से आप इसे गर्मियों में पहनकर कंफर्टेबल रह सकती है।
ये टाई और डाई साड़ी राजस्थान-गुजरात के क्षेत्रों में काफी मशहूर हैं और उनके प्रिंट और पैटर्न भी काफी यूनिक होते हैं। बांधणी और बांधेज साड़ी सभी कलर्स और पैटर्न में मिल जाती है। डैलीवियर हो या किसी फंक्शन में जाना हो, तो बांधणी साड़ी बिल्कुल परफैक्ट है। आप चाहे तो इसमें थ्रैड वर्क और मिरर वर्क साड़ी भी पहन सकती है। इन साड़ियों को डांडियां नाइट के लिए खरीदा जाता है।
दुल्हन साड़ी डिजाइन - Dulhan Saree Design
केरल के दक्षिणी राज्य से उद्भव यह सिंपल साड़ी सफेद/क्रीम रंग में ज्यादा पंसद की जाती है, जिसके गोल्डन धागे से बुना जाता हैं। मुंडम नेरियायथम, दो पीसेस में आती हैं। मुंडम का इस्तेमाल साड़ी के निचले हिस्से में किया जाता है, दूसरा नेरियायाथम को पल्लू कहा जाता है, जिसे ऊपरी हिस्से के चारों तरफ लपेटा जाता है। यह कॉटन की साड़ी होती है, जिसे आप आसानी से वियर कर सकती है।
Naye Design ki Saree
उड़ीसा से मशहूर होने वाली यह साड़ी बुनाई प्रक्रिया से पहले वार्प टाई-डाई के इस्तेमाल से बनाई जाती है। इसको कई ट्रैडीशनल फ्लोरल, व्हील और शैल जैसे पैटर्न वाले प्रिंट में डिजाइन्स किया गया है। इन साड़ियों में काफी खूबसूरत इकत (ikat) बुनाई होती हैं। ऐसा माना जाता है कि मुगल शासक चौहान साम्राज्य के पतन के बाद, यह कला भुलिया(Bhulia) समुदाय के साथ पश्चिमी उड़ीसा में चली गई, जो वर्ष 1192 ईस्वी में उत्तरी भारत से आ गई थी।
मध्य प्रदेश से उद्भव यह साड़ी रेशम और कॉटन का मिश्रण है। यह कॉटन और सिल्क की साड़ी काफी कंफर्टेबल और लाइटवेट होती हैं। आमतौर पर इन साड़ियों को काफी पेचीदा यानी जटिल तरीके से प्रिंटे़ किया जाता हैं।
Saree ki Design
पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद से उद्भव यह सिल्क साड़ी पावर लॉम (Power loom) पर बनाई गई है और इसमें बहुत सारे टैक्सचर है। मुर्शिदाबाद की बलुची सिल्क साड़ी काफी मशहूर हैं। शाइनी फैब्रिक और नाज़ुक बंगाली आदिवासी पैटर्न इस साड़ी को अट्रैक्टिल बनाते हैं।
राजस्थान के मौसम से इंस्पायर्ड यह नेट साड़ी काफी लाइटवेट है, जो शुष्क गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए बिल्कुल सही है। हैंडलूम कोटा साड़ी काफी कम देखने को मिलती हैं लेकिन यह साड़ी खूबसूरत क्लासी लुक देती हैं।
इंडियन साड़ी डिजाइन - Indian Wedding Saree
Designer Sarees Images