किसी भी देश की तरक्की तभी संभव है जब उस देश के बच्चे स्वस्थ और पोषित होंगे क्योंकि अगर उनका शारीरिक व दिमागी विकास सही से नहीं होगा तो वह आगे चलकर किसी भी कार्य को संपूर्णता से नहीं कर पाएंगे।
हाल ही में आई संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 48.6 करोड़ लोग कुपोषण से जूझ रहे हैं जिसका ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। यहा आधे से अधिक बच्चे मोटे और कुपोषित हैं, जिन पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है।
1. मोटे बच्चे सबसे ज्यादा कुपोषित
कुपोषण अधिक वजनी बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। कुछ बच्चे बचपन से ही मोटे होते हैं लेकिन मोटा होने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं कि बच्चा स्वस्थ है हालांकि एशिया के बच्चों में मोटापा तेजी से फैल रहा है। तेजी से बढ़ते मोटापे की वजह उन्हें नमक, शक्कर और वसायुक्त खाद्य पदार्थों का आसानी से उपलब्ध होना और पोषक तत्वों का अभाव है। इसके अलावा शारीरिक तौर पर कमजोर बच्चे भी इसका शिकार हो जाते हैं।
2. मोटापे का कारण है गलत खान-पान
बढ़ते मोटापे की मुख्य वजह बच्चों का बिगड़ता लाइफस्टाइल है। अगर उन्हें समय समय पर सही डाइट दी जाए तो मोटापे को कंट्रोल में रखा जा सकता है। पेरेंट्स खान-पान पर खास ध्यान देकर मोटापे की परेशानी काफी हद तक कम कर सकते हैं।
- मोटापा बढ़ाते हैं जंक और प्रोसेस्ड फूड्स
कैंडी, चॉकलेट, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज और मीठे आहार जैसे पेस्ट्री,केक मोटापे को तेजी से बढ़ाते हैं।
- ज्यादा देर तक भूखे रहना
जो बच्चे बहुत देर तक भूखे रहते हैं उनके शरीर में भी फैट की जमा होने लगता है। बच्चो को थोड़े-थोड़े समय बाद कुछ न कुछ खिलाते रहना चाहिेए।
- मानसिक परेशानी मोटापे का कारण
बच्चे के दिमाग पर डाला गया जरूरत से ज्यादा दवाब उनकी मानसिक परेशानी का कारण बनता है। इस तनाव की वजह से वह मोटा होने लगता है।
3. फिजिकल एक्टिविटी कम होना
जो बच्चे घंटों मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी देखने में समय बिताते हैं, वे मोटापे का ज्यादा शिकार होते हैं। इसकी जगह पर फिजीकल एक्टिविटी में व्यस्त रहने वाले बच्चे शारीरिक तौर पर स्वस्थ और एक्टिव रहते हैं। उन्हें मोटापे की समस्या कम होती है।
- हरी सब्जियां और फाइबर-प्रोटीन युक्त
उनकी डाइट में हरी सब्जियां, फाइबर कैल्शियम व प्रोटीन युक्त आहार शामिल करें। खाने में उबला अंडा, ओट्स आदि जरूर दें।
4. कई बीमारियों को न्योता देता हैं मोटापा
मोटापे पर सही समय पर कंट्रोल ना किया गया तो आगे चलकर अनेकों बीमारियों को जन्म देती है। छोटी उम्र में हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां, चिड़चिड़ापन, सांस लेने में तकलीफ, अनिद्रा, डायबिटीज यहांतक की डिप्रेशन जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
5. कैसे कंट्रोल करें मोटापा?
हेल्दी डाइट
सबसे पहले बच्चे की डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जंक फूडस बंद करके उसे फल और सब्जियां खिलाएं। खाने में दूध,चावल, ड्राई फ्रूट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें आदि शामिल करें। चॉकलेट और हाई कैलोरी फूड्स से बच्चे को दूर रखें।
एक्सरसाइज जरूरी
छोटी उम्र में ही बच्चे में वर्कआउट की आदत डालना बहुत जरूरी है। उनकी पसंद के गाने लगाकर डांस भी करवा सकते हैं। यह बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। आप योग क्लासिस भी ज्वाइन करवा सकते हैं।
फिजिकल गेम्स
मोबाइल या कंप्यूटर की बजाए बच्चे को फिजिकल गेम्स जैसे बैडमिंटन, फुटबॉल, स्विमिंग के लिए प्रोत्साहित करें। आउटडोर गेम्स से बच्चे का मनोबल बढ़ेगा और सेहत भी अच्छी रहेगी।
4. वेट मैनेजमेंट प्रोग्राम
बच्चे का एक्टिव होना बहुत जरूरी है। उनका मोटापा कंट्रोल करने के लिए वेट मैनेजमेंट प्रोग्राम का सहारा भी लिया जा सकता है। कुपोषण तभी दूर होगा जब मां- बाप बच्चे की सेहत और गतिविधियों का पूरा ख्याल रखेंगे।