नारी डेस्क: मेनोपॉज़ एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके साथ आने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। खासकर इस दौर में अचानक वजन बढ़ना, पेट और कूल्हों पर चर्बी जमा होना और मेटाबॉलिज़्म का धीमा हो जाना आम समस्याएं हैं, जो न सिर्फ आत्मविश्वास पर असर डालती हैं बल्कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का संकेत भी देती हैं। इसी विषय पर मेनोपॉज़ कोच और मेनोवेदा की को-फाउंडर तमन्ना सिंह ने नारी पंजाब केसरी के साथ बातचीत में विस्तार से बताया कि किस तरह आयुर्वेद और लाइफस्टाइल में बदलाव करके महिलाएं इस चरण को स्वस्थ और संतुलित रूप से पार कर सकती हैं।
क्या होता है शरीर में?
एस्ट्रोजन में कमी से शरीर की फैट स्टोरेज क्षमता बदल जाती है।
मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे कैलोरी बर्न कम होती है।
नींद की कमी और तनाव भी वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं।

वजन बढ़ना क्यों है चिंता की बात?
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है
दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना
हड्डियों पर दबाव और जोड़ों में दर्द

कैसे पाएं नियंत्रण
1. संतुलित आहारः फाइबर से भरपूर सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन लें। प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
2. वजन नियंत्रित व्यायामः ब्रिस्क वॉक, योग, स्ट्रेचिंग और डांस जैसी गतिविधियां।
3. हॉर्मोन संतुलनः शतावरी, अश्वगंधा और मेथी जैसे आयुर्वेदिक तत्व।
4. नींद और तनाव पर नियंत्रणः सात-आठ घंटे की नींद और ध्यान, गहरी सांसें या मेडिटेशन ज़रूरी हैं।
5. नियमित ट्रैकिंग: महीने में एक बार वजन और कमर की माप नोट करें।

याद रखेंः यह वजन सिर्फ वज़न नहीं, बल्कि आपके शरीर के भीतर हो रहे परिवर्तनों का संकेत है। समझदारी से किए गए छोटे-छोटे कदम भविष्य में बड़े लाभ दे सकते हैं।