कोई भी काम बिना बाधा के पूरा नहीं होता है। सफलता उन्हीं लोगों के पैर चूमती जो आखिर तक प्रयास करते हैं। ऐसी ही है भारत की बेटी हर्डलर Jyothi Yarraji जिन्होंने अपनी लाजवाब फुर्ती और टैलेंट से इस स्पोर्ट्स में कई सारे मेडल जीते हैं। आइए आज डालते हैं ज्योति के सफर पर एक नजर...
कौन है ज्योति याराजी
ज्योति का जन्म 28 अगस्त 1999 मं आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में हुआ ता। उनके पिता का नाम सूर्यानारायण है, जो एक प्राइवेट सुरक्षा गार्ड हैं। वहीं उनकी मां अस्पताल में क्लीनर के रुप में पार्ट जॉब करती हैं। ज्योति के फिजिकल एजुकेशन टीचर ने लंबे कद को देखते हुए महसूस किया कि वो अच्छी हर्डलर बन सकती हैं और यहीं से शुरु हो गया ज्योति का एथलिट बनने का सफर। ज्योति थाईलैंड में चल रही एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर पूरे भारत को गौरवान्वित कर चुकी हैं। 23 साल की उम्र में यहां तक का सफर आसान नहीं था। 15 साल की उम्र में ज्योति आंध्र प्रदेश की जिला प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। साल 2016 में उन्होंने हैदराबाद में एन रमेश के अंदर ट्रेनिंग ली।
महिलाओं के लिए इंसपिरेशन हैं ज्योति याराजी
ज्योति हर उस लड़की के लिए इंसपिरेशन है जो सपने देखती हैं और उन्हें सकार भी करना चाहती हैं। बिना परिवार के हालात की परवाह किए बिना ज्योति ने अपनी मेहनत जारी रख, जिसका फल उन्हें मिला भी।