भारतीय महिला तैराक माना पटेल का टोक्यो ओलंपिक सफर थम गया क्योंकि वह सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही। माना पटेल ने महिलाओं की 100 मीटर बैकस्ट्रोक स्पर्धा में भाग लिया था। हालांकि वह गोल्ड लाने की उम्मीद पर खरी नहीं उतर पाईं। बता दें कि 21 वर्षीय माना पटेल टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली महिला और केवल तीसरी स्विमर हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कौन है माना पटेल...
कौन हैं माना पटेल?
अहमदाबाद, गुजरात की रहने वाली बैकस्ट्रोक तैराक माना पटेल ने 7 साल की उम्र में स्विमिंग शुरू की। एक इंटरव्यू के दौरान माना ने बताया कि वह बचपन में बहुत पतली थी और उन्हें भूख भी नहीं लगती थी। तब उनकी मां ने भूख बढ़ने के लिए समर वेकेशन के दौरान स्विमिंग क्लासिस ज्वाइन करवाईं। तब वह तैराकी का मजा लेने लगी और इसी दिशा में आगे बढ़ने लगीं। धीरे-धीरे उन्होंने क्लब स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया।
चोट के कारण डिप्रेशन में चली गई थी माना
4 साल पहले साल 2017 में कंधे की चोट के कारण वह डिप्रेशन से जूझ रही थी और तैराकी छोड़ना चाहती थी लेकिन उन्होंने तनाव को दूर कर दोबारा तैराकी में वापिसी की। इसके बाद उन्होंने 3 गोल्ड मेडल जीतने के साथ नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया। हालांकि साल 2019 में उनके टखने में भी चोट लग गई थी और इसी साल की शुरुआत में ही उन्होंने वापसी की थी।
तोड़ चुकी हैं कई रिकॉर्ड
13 साल की उम्र में हैदराबाद में 40वीं जूनियर नेशनल एक्वेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर बैकस्ट्रोक में 2:23.41 सेकेंड का समय निकाला और अगस्त 2009 में टोक्यो में एशियन एज ग्रुप चैंपियनशिप में शिखा टंडन द्वारा आयोजित 2:26.41 के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
देश के लिए जीत चुकी हैं कई मेडल
माना ने राष्ट्रीय खेलों में भी 50 बैकस्ट्रोक और 200 मीटर बैकस्ट्रोक में स्वर्ण पदक जीते हैं। माना ने 60वें नेशनल स्कूल गेम्स (2015) में 100 मीटर बैकस्ट्रोक में बैकस्ट्रोक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल भी जीता है। माना पटेल, राशि पटेल, गीतांजलि पांडे और दिलप्रीत कौर ने मिलकर 60वें राष्ट्रीय स्कूल खेलों में 4X100 मीटर फ्री-स्टाइल रिले में रजत पदक जीता था।
माना पटेल की अन्य उपलब्धियां
. साल 2015 में ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के लिए चुना गया था, जिसमें उन्होंने 50 मीटर, 100 मीटर और 200 मीटर बैकस्ट्रोक में रजत पदक जीता था।
. माना ने 72वीं सीनियर नेशनल एक्वाटिक चैंपियनशिप-2018 में 3 स्वर्ण पदक जीते।
. बैंगलोर में आयोजित 10वीं एशियाई आयु-समूह चैंपियनशिप-2019 में छह पदक (1 स्वर्ण, 4 रजत, 1 कांस्य) जीते।
. अगस्त 2016 तक, उसने 11 अंतरराष्ट्रीय, 61 राष्ट्रीय और 75 राज्य स्तरीय पदक जीते हैं।
. इसके अलावा 50 मीटर में कांस्य, 4×100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले में स्वर्ण जीतकर देश का नाम रोशन किया।