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फेफड़ों को Detox कर देगा यह देसी काढ़ा, ना Lungs Infection होगी ना सर्दी-खांसी

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 05 Nov, 2024 09:05 PM
फेफड़ों को Detox कर देगा यह देसी काढ़ा, ना Lungs Infection होगी ना सर्दी-खांसी

नारी डेस्कः बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर दिखता है। अस्थमा रोगियों के लिए प्रदूषण में खुद को सुरक्षित रखना सबसे ज्यादा जरूरी है। वहीं जो लोग धूम्रपान करते हैं, जिनका लाइफस्टाइल हैल्दी नहीं, उन्हें भी लंग्स इंफेक्शन (Lungs Infection) का खतरा बना रहता है। इस समय भारत में कई जगहों पर एयर क्वालिटी (AQI Level )काफी खराब चल रही है। पटाखों व अन्य कई तरह का जहरीला धुआं फेफड़ों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। फेफड़ों में अगर लगातार गंदगी जमती रहे तो यह आगे चलकर कई तरह की परेशानियां दे सकती हैं इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप समय-समय पर फेफड़ों को डिटॉक्स करते रहे। लंग्स स्ट्रॉग्स होंगे तो वह हर तरह की इंफेक्शन से बचे रहेंगे। 

फेफड़ों में इंफेक्शन होने के लक्षण| Lungs Infection Symptoms

फेफड़ों में इंफेक्शन के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं और यह व्यक्ति की उम्र और हैल्थ अपडेट पर निर्भर करता है और यह भी कि संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण हुआ है या नहीं। इंफेक्शन के लक्षण सर्दी खांसी फ्लू जैसे हो सकते हैं जो लंबे समय तक बने रहते हैं। फेफड़ों में संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे जैसे बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन। इसे सामान्यतः पल्मोनरी इन्फेक्शन या फेफड़ों का संक्रमण कहा जाता है। फेफड़ों का सबसे आम संक्रमण निमोनिया है जो फेफड़ों के ऊतकों में सूजन और इंफेक्शन का कारण बनता है। इसके अलावा, ब्रोंकाइटिस (श्वसन नलिकाओं में सूजन) भी एक प्रकार का फेफड़ों का संक्रमण हो सकता है। जब फेफड़ों से हवा को लाने-ले जाने वाली बड़ी ब्रोन्कियल नलिकाओं में इंफेक्शन होता है तो इसे ब्रोंकाइटिस कहा जाता है।

जब इंफेक्शन होता है तो शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।  

सांस लेने में तकलीफ

इंफेक्शन के चलते फेफड़ों में सूजन और बलगम हो सकती है जिससे सांस लेने में परेशानी होती हैं। खासकर गहरी सांस लेने में ऐसा महसूस हो सकता है। सांस छोड़ते पर सीटी जैसी आवाज़ सुनाई दे सकती है
जिसे घरघराहट कहते हैं।

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खांसी

लंग्स इंफेक्शन की चलते खांसी होना सबसे सामान्य लक्षण है। यह सूखी भी हो सकती है और कफ के साथ भी। कभी-कभार खांसी में खून भी आने लगता है जो गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है। अगर खांसी लगातार हो रही हैं और लंबे समय से बनी हुई है तो डाक्टरी जांच अवश्य करवाएं।   

बुखार-ठंड लगना और सिरदर्द

इंफेक्शन होने पर बुखार और ठंड के लक्षण भी दिखते हैं। अचानक तेज बुखार होना सामान्य लक्षण है,  इसके साथ शरीर में दर्द और ऐंठन भी हो सकती है। फेफड़ों के संक्रमण के कारण सिर में हल्का या तेज दर्द हो सकता है, खासकर जब बुखार के साथ अन्य लक्षण मौजूद होते हैं। शरीर जब संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है तब बुखार होता है।शरीर का सामान्य तापमान आमतौर पर 98.6°F (37°C) के आसपास होता है लेकिन बैक्टीरियल लंग्स इंफेक्शन में बुखार खतरनाक 105°F (40.5°C) तक बढ़ सकता है। 102°F (38.9°C) से ज़्यादा तेज़ बुखार होने पर अक्सर कई अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, जैसे: पसीना आना, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, डिहाइड्रेशन,  सिरदर्द, कमज़ोरी आदि के लक्षण दिख सकते हैं। अगर बुखार 3 दिन से ज्यादा हो और 102°F (38.9°C) से ज्यादा हो तो लंग्स स्पैशलिस्ट को दिखाना चाहिए। 

सीने में दर्द या दबाव

संक्रमण के कारण फेफड़ों में सूजन और जलन हो सकती है, जिससे सीने में दर्द या दबाव महसूस हो सकता है। खांसने या गहरी सांस लेने पर सीने का दर्द और भी बढ़ जाता है। कभी-कभी आपकी पीठ के मध्य से ऊपरी हिस्से में तेज दर्द महसूस हो सकता है।

थकावट और कमजोरी

लंग्स इंफेक्शन के चलते इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है, जिससे थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है। रोजमर्रा के काम करने में मुश्किल हो सकती है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जैसे बुजुर्ग या बच्चे, उन्हें संक्रमण के गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे उल्टी, मानसिक भ्रम और ब्लड प्रैशर लो होना।  त्वचा या होंठों का रंग नीला पड़ सकता है। इस दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होंठ या नाखून थोड़े नीले रंग के दिखाई देने लग सकते हैं।

उल्टी या मतली

फेफड़ों की इंफेक्शन के कुछ मामलों में उल्टी और मतली जैसा भी हो सकता है। ऐसा शरीर में इंफेक्शन के प्रति रिएक्शन के रुप में होती है। कुछ मामलों में, फेफड़ों के संक्रमण के साथ उल्टी या मतली भी हो सकती है, जो शरीर के संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में होती है।

गले में दर्द-सूजन और जलन 

फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते गले में दर्द, जलन और सूजन भी हो सकती है। ऐसा तब होता है जब बलगम बहुत ज्यादा बन रही हो। कभी-कभी फेफड़ों में संक्रमण के कारण गले में जलन या दर्द भी हो सकता है, खासकर जब बलगम की अधिकता हो। वही ब्रोंकाइटिस या निमोनिया इंफेक्शन के चलते आपको खांसी हो सकती है जिसमें गाढ़ा बलगम निकलता है जिसका रंग सफ़ेद, हरा या पीला भूरा हो सकता है।

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फेफड़ों को डिटॉक्स और साफ करने के तरीके | Lungs Ko detox kaise kare | Lungs Detox Tips

आप घर के कुछ रामबाण तरीकों से फेफड़ों को नेचुरली डिटॉक्स कर सकते हैं। सबसे पहले तो आपको होममेड काढ़ा पीना चाहिए जो आपके फेफड़ों को पूरी तरह से डिटॉक्स करके साफ कर देगा। इसे आप
आसानी से घर पर तैयार कर सकते हैं। 

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फेफड़ों के लिए बेस्ट होममेड काढ़ा | Lungs Ke Homemade Kadha| best kadha for lungs

फेफड़ों के लिए एक अच्छा होममेड काढ़ा बनाने से ना केवल इम्यूनिटी मजबूत होती है बल्कि काढ़े में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

सामग्रीः अदरक (Ginger) – 1 इंच का टुकड़ा (कटा हुआ या कद्दूकस किया हुआ)
तुलसी के पत्ते (Basil leaves) – 8-10 पत्ते
हल्दी (Turmeric) – ½ छोटी चम्मच (अगर ताजे हल्दी का पेस्ट मिल सके तो और बेहतर)
काली मिर्च (Black pepper) – 1-2 चुटकी
दारचीनी (Cinnamon) – 1 छोटा टुकड़ा
लहसुन (Garlic) – 2-3 कलियां (कटी हुई)
शहद (Honey) – 1-2 चम्मच (स्वाद के लिए)
नींबू का रस (Lemon juice) – 1 चम्मच
पानी – 1-1.5 कप

विधि: एक छोटे बर्तन में 1-1.5 कप पानी डालें और उसे उबालने के लिए रखें। जब पानी उबालने लगे तो उसमें अदरक, तुलसी के पत्ते, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी और लहसुन डालें। सारी सामग्री को 5 से 10 मिनट उबालें ताकि सारा सामान पानी में घुल जाए फिर मिश्रण को छान कर कप मे निकालें। स्वाद के लिए काढ़े में 1-2 चम्मच शहद और 1 चम्मच नींबू का रस डालें। शहद गर्म पानी में डालने से इसके लाभ में कोई कमी नहीं आती, लेकिन इसे उबालते हुए पानी में डालने से उसकी औषधीय गुण कम हो सकते हैं इसलिए उसे ठंडा होने पर ही डालें। इस काढ़े को दिन में 2 से 3 बार पी सकते हैं। खासकर सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले पीने से ज्यादा फायदा होगा। 

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फेफड़ों की सफाई कर देगी हर्बल टी | lungs ki safai kaise kare | Lungs Ke liye Herbal Tea

फेफड़ों की सफाई के लिए हर्बल टी भी बहुत फायदेमंद है। एक बर्तन में 2 कप पानी उबालें उसमें आधा इंच अदरक, दालचीनी  का छोटा टुकड़ा या 1 चौथाई दालचीनी पाउडर, थोड़ा सा गुड़, 3 से 4 तुलसी के पत्ते, 3 काली मिर्च, 2 इलायची कुटी हुई, एक चौथाई चम्मच सौंफ, चुटकीभर अजवाइन, एक चौथाई चम्मच जीरा, इन सभी सामग्रियों को उबले पानी में डालें और करीब 10 मिनट तक सारी सामग्री को धीमी आंच  में उबालें ताकि सारी चीजें पानी में घुल जाए। कप में चाय को छान कर डालें और चाय का फायदा तभी मिलेगा जब आप गुनगुना गर्म पीएंगे। दिन में करीब 20 मिलीलीटर काढ़ा ही पाएं। अगर कोई पाचन संबंधी दिक्कत है तो डाक्टरी से सलाह जरूर लें। 

फेफड़ों के लिए काढ़े के फायदे| lungs ko strong kaise kare

अदरक: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो श्वसन तंत्र की सूजन को कम करने में मदद करते हैं और बलगम को निकालने में सहायक होते हैं।

तुलसी: तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो फेफड़ों को स्वस्थ रखते हैं और इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।

हल्दी: हल्दी में कुरकुमिन नामक तत्व होता है जो सूजन कम करने और इन्फेक्शन से बचाव में सहायक होता है।

काली मिर्च: काली मिर्च से फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद मिलती है और यह श्वसन तंत्र को साफ करती है।

दारचीनी: यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट है जो फेफड़ों को साफ करने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है।

लहसुन: लहसुन में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो शरीर में इन्फेक्शन को कम करने में मदद करते हैं।

नींबू और शहद: नींबू में विटामिन C होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, और शहद गले की सूजन को कम करता है और इसे आराम देता है।

यह काढ़ा प्राकृतिक और असरदार है लेकिन अगर आपके पास किसी प्रकार की श्वसन संबंधी समस्या या फेफड़ों का संक्रमण है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा आप इन घरेलू नुस्खों को भी फॉलो कर सकते हैं। 

सेंधा नमक वाला गुनगुना पानी पीएं

सेंधा नमक गुनगुने पानी के साथ लें इससे जमा हुई खांसी दूर होती है। आयुर्वेद के अनुसार, गर्म पानी और सेंधा नमक दोनों ही कफ दोष को शांत करने वाले होते हैं। 

सोने से पहले स्टीम लें

अगर आपको बार-बार खांसी हो रही है तो आप सोने से पहले उबलते पानी में 3-4 बूंद कपूर का तेल डालें और इस पानी की भाप लें। छाती की जकड़न से राहत मिलेगी लेकिन स्टीम लेने के बाद बाहर हवा में ना जाए।

गोल्डन मिल्क

हल्दी वाला दूध भी गुणों से भरपूर है। यह भी बॉ़डी को डिटॉक्स करने का काम करता है। रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होगा लेकिन उचित मात्रा में ही लें। 

व्यायाम, योग और प्राणायाम

व्यायाम, योग और प्राणायाम आपके फेफड़ों को साफ रखने का काम करता है। धनुष मुद्रा, भुजंगासन और ताड़ासन यह फेफड़ों के लिए बढ़िया है। इसके अलावा आप अनुलोम विलोम कर सकते हैं। हल्की फुल्की सैर करें। 

फेफड़ों के लिए बेस्ट डाइट| Lungs Ke Liye best food

फेफड़ों को हैल्दी रखने के लिए वह चीजें खाए जो लंग्स को मजबूती देगी। मूंग दाल की खिचड़ी, दूध, घी, रोटी, दलिया, चावल, मूंग दाल सूप, तोरी, टिंडे, सीताफल, पक्का पपीता, मौसमी फल, अनार, मूली, टमाटर, नारियल पानी जरूर पीएं, यह चीजें फेफड़ों को साफ करने का काम करती हैं और इम्यूनिटी स्ट्रॉंग करती है। बादाम और मुनक्के को दूध में उबालकर पीएं लेकिन 4 बादाम और 5-6 मुनक्के से ज्यादा ना लें।

क्या ना खाएं

इस समय ठंडी चीजों को खाने से बचें। फ्रिज में रखी चीजें ना खाएं। कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, दही, खट्टी चीजें, ज्यादा मिर्च मसाले वाली चीजें, डीप फ्राइड फूड, मैदा और ब्रैड ना खाएं।

यदि आपको ये लक्षण दिखाई दें तो क्या करना चाहिए? 

फेफड़ों में संक्रमण गंभीर हो सकता है, खासकर जब लक्षण लंबे समय तक बने रहें। यदि आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है या बुखार लगातार बना हुआ है तो तुरंत चिकित्सा की सलाह लें।
यदि आपको सांस लेने में गंभीर परेशानी हो रही हो या शरीर  कमजोर महसूस कर रहा हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपकी ऑक्सीजन का स्तर मापने के लिए स्पॉटकॉक्स (Pulse oximeter) का उपयोग कर सकते हैं। अगर संक्रमण का सही समय पर इलाज किया जाए, तो इसके इलाज की प्रक्रिया जल्दी और प्रभावी हो सकती है।

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