दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक 10 जनवरी को रिलीज होने वाली है। जिसमें वह एक एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के किरदार निभा रही है। यह फिल्म रियल बेस स्टोरी है जिसे खुद मेघना गुलजार ने निर्देशित किया है। इस फिल्म के माध्यम से लक्ष्मी के बारे में बहुत सी बातें सामने आई है लेकिन अब भी लोग लक्ष्मी के जीवन के बारे में जानना चाहते है। लक्ष्मी न केवल एक एसिड सर्वाइवर है बल्कि एक ऐसी महिला है जो आज बहुत से महिलाओं की प्ररेणा है। जिससे उन्हें जीवन जीने का एक नया नजरिया मिला है।
2005 में लक्ष्मी अग्रवाल पर जब 32 साल के आदमी ने अपने 2 दोस्तों के साथ मिलकर एसिड अटैक किया था तो उसने कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस एक अटैक के बाद रोज समाज द्वारा उस पर कई तरह के अटैक किए जाते थे लेकिन लक्ष्मी ने हार नहीं मानी और अपनी एक अलग पहचान बनाई।
15 साल की उम्र में हुआ था एसिड अटैक
1990 में दिल्ली में जन्मी लक्ष्मी ने सिर्फ दसवीं तक पढ़ी है। उसे म्यूजिक काफी पसंद है इसलिए सिंगर बनना चाहती थी लेकिन 2005 में 32 साल के शख्स गुड्डा ए.के. नाहिम खान और उसके दो और दोस्तों ने मिलकर एसिड अटैक किया था। ऐसा करने की वजह थी एक तरफा प्यार। 32 साल का लड़का बिना लक्ष्मी की इच्छा के उसका पीछा करता, सड़क पर सहेलियों के साथ जाते समय उसे तंग करता, हाथ पकड़ता और उस पर शादी का दवाब बनाता था। लक्ष्मी अपने घर पर यह सब बता नहीं सकती थी क्योंकि ऐसा करना से शायद उसे उसके सपने पूरे करने की अनुमति नहीं मिलती। वहीं लक्ष्मी ने भी उस व्यक्ति की बात नहीं मानी जिसका हर्जाना उसे भरना पड़ा। उस आदमी ने दिल्ली के पॉश खान बाजार में लड़की के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। इसके बाद एक ड्राइवर वहां आया और उसे अस्पताल ले गया था।
शीशा देखने पर गई थी डर
एक इंटरव्यू में अपनी दर्द भरी कहानी सुनाते हुए लक्ष्मी ने बताया था तेजाब गिरने के बाद उन्हें ऐसा लग रहा था जैसे उनके पूरे शरीर पर आग लगी हो। उनके हाथ और शरीर की खाल अलग होकर निकल रही थी। इसके बाद उन्हें कई बार सर्जरी करवानी पड़ी। 3 महीने तक वह अस्पताल में रही तो इस दौरान उनके कमरे में शीशा नहीं था। रोज एक नर्स एक कटोरी में पानी डाल उन्हें मुंह साफ करने को देती थी जिसमें वह चेहरा देखने की कोशिश करती पर दिखाई नहीं देता। जब अटैक के बाद चेहरा देखा था तो ऐसा लगा कि जैसे सब कुछ बर्बाद हो गया।
अवॉर्ड से हो चुकी है सम्मानित
खुद पर हुए एसिड अटैक के बाद लक्ष्मी ने समाज ने इन मामलों के खिलाफ आवाज उठाई और कोर्ट में जनहित के लिए कई याचिकाएं डाली। अपनी इन्हीं कामों के चलते लक्ष्मी की आज एक पहचान बन चुकी है। लक्ष्मी ने अपनी मेहनत से एसिड अटैक पर स्टॉप लगाने की काफी कोशिश की और उसमें वह कामयाब हुई। इस दौरान लक्ष्मी ने स्टॉपसेल एसिड अभियान भी चलाया जिसके तहत 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने नियम लागू किया। इस नियम के अनुसार 18 साल से कम उम्र का व्यक्ति एसिड नहीं खरीद सकता है। वहीं एसिड खरीदने के लिए हर व्यक्ति को अपना पहचान पत्र देना होगा। 2014 में मिशेल ओबामा ने लक्ष्मी को इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज का अवॉर्ड देकर सम्मानित किया था। वहीं अब लक्ष्मी के जीवन पर फिल्म बन रही है।
2014 में हुआ बेटी का जन्म
2014 में लक्ष्मी की मुलाकात आलोक दीक्षित के साथ हुई। जिसके वह दोनो लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे और उनकी एक बेटी हुई जिसका नाम पीहू है। फिलहाल अब दोनों एक साथ नहीं रहते है।
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