आज भारत देश के राष्ट्रपिता के नाम से सम्मानित किए जाने वाले महात्मा गांधी जी का जन्मदिन यानि गांधी जयंती है। सत्य और अहिंसा की राह पर चलने वाले महात्मा गांधी के इस दिन को पूरी दुनिया में गांधी जयंती के साथ अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाया व जाना जाता है। गांधी जी ने सभी को संदेश देते हुए कहा था कि, "मेरा जीवन ही मेरा संदेश है।" तो चलिए आज के दिन पर हम आपको बापू गांधी के जीवन से संबंधित कुछ खास बातों के बारे में बताते हैं, जिसे जीवन में अपनाने से आप एक सफल और बेहतरनी इंसान बन सकते हैं।
खुद पर विश्वास रखना
किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सबसे पहले खुद पर इस बात का भरोसा होना चाहिए कि आप कोई भी काम कर सकते हैं। अपने इसी विश्वास से आप जीवन के हर संकट को आसानी व हंसते हुए पार कर सकते हैं। अगर आप ऐसा सोचेंगे कि आपसे यह काम नहीं होगा तो इससे आपका आत्मविश्वास कम होने लगेगा। इसके विपरित खुद पर विश्वास रखने से आम जीवन के हर मुश्किल पड़ाव को आसानी से पार कर जाएंगे
रूकावटों से डरें न
गांधी जी के कहा था कि,' जीवन में हर कोई पहले आपकी निंदा करेंगा, हंसेंगे व अगर आप अपने लक्ष्य पर अड़े रहेंगे तो जीत आपकी ही होगी। साथ उन्होंने कहा था कि, भारत जैसे इतने बड़े देश से आजादी की लड़ाई लड़ना आसान नहीं था। साथ ही बिना किसी को शारीरिक चोट पहुंचाए अहिंसा के पथ पर चलना बेहद बेहद मुश्किल भरा काम था। मगर सच्ची लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
क्षमा करना सीखें
गांधी जी के अनुसार, 'कभी भी कोई कमजोर व्यक्ति किसी की गलती पर उसे माफ नहीं कर सकता है। असल में, किसी को माफ करना और उनकी गलतियों को भूल जाना मजबूत लोगों की निशानी है'। बात अगर गांधी जी की जाए तो उन्हें जेल भेजा गया, गलत व्यवहार करने के उन्हें मारने की साजिशें भी रची गई। मगर फिर भी उन्होंने किसी के लिए भी अपने मन में कोई भेदभाव न रखते हुए उन्हें क्षमा कर दिया था।
चरित्र की मजबूती
गांधी जी ने बताया था, 'विश्व में पापों को 7 भागों में बांटा गया है। बिना मेहनत के धन इकट्ठा करना, विवेक के बिना खुशी हासिल करना, अच्छे चरित्र के बिना ज्ञान, नैतिकता के बिना पैसा, इंसानियत के बिना विज्ञान, बिना किसी त्याग व बलिदान के पूजा करनी और सिद्धांतों के बिना ही राजनीति करनी' ऐसे में खुद मजबूत व चरित्र को सशक्त बनाने के लिए इन सातों अवगुणों से दूर रहने में ही भलाई है।
गलतियों से सीखना
गांधी जी के अनुसार, 'अपनी गलतियों को स्वीकारना व उससे सीख लेना एक झाड़ू के जैसा है। जिस प्रकार सफाई करने से कमरे की सारी गंदगी साफ होती है और वह एकदम चमक उठता है।' ठीक उसी तरह मैं भी अपनी गलतियों को मानकर खुद को और भी मजबूत बनाता हूं।
ऐसे में उनकी इन बातों को अपने जीवन में अपनाकर हम भी एक बेहतर इंसान बन सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं।