नारी डेस्क: जो लोग नब्बे के दशक के हैं उन्होंने एकता कपूर के सबसे चर्चित शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' तो अपने परिवार के साथ बैठकर जरूर देखा होगा। इस शो ने हमें रूलाया भी, हंसाया भी और रिश्तों की अहमीयत भी समझाई। इस सीरियल में अमर उपाध्याय की भूमिका से हर कोई वाकिफ होगा, जो पूरे देश के दिलों की धड़कन बन गए थे। अब उन्होंने उन दिनों से जुड़ी ऐसी बात बताई है जिससे आप समझ सकते हैं कि दर्शक कितने भोले होते हैं।
याद हो कि जब शो में तुलसी के पति 'मिहिर' की मौत हुई, तो पूरा देश सदमे में चला गया था। उस समय भारतीय दर्शक किसी किरदार से इस तरह जुड़ते थे जैसे कि वह उनकी अपनी कहानी या परिवार हो। हाल ही में, अमर ने बताया कि उनके मरने वाले सीन के बाद उनके घर में भी मातम पसर गया था।
एबीपी न्यूज़ एंटरटेनमेंट लाइव के साथ बातचीत में अमर ने उन दिनों को याद करते हुए बताया- "सुबह, दरवाजे की घंटी बजी और जब मैंने इसे खोला, तो सफेद साड़ी पहने हुए 15-20 महिलाएं गेट पर खड़ी थीं। उन्होंने मुझे अविश्वास से देखा। जब मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने ऐसे कपड़े क्यों पहने हैं, तो उन्होंने बस इतना ही कहा, ‘कुछ नहीं।’
फिर मेरी मां ने जब उनसे पूछा तो वह बोली- ‘जब से मिहिर की मौत हुई है, हमने सोचा…’”। एक्टर ने बताया कि मेरी मां ने गुस्से में महिलाओं पर चिल्लाते हुए कहा, “क्या तुम पागल हो? वह शो में मर गया है! तुम क्या कर रही हो? भाग जाओ अब। वह मेरा बेटा है!” उन्होंने बताया- जब वो वो एपिसोड ऑन-एयर हुआ मुझे याद है मेरी मां वो देख रही थीं और रो भी रही थीं, तभी मैंने उनको कहा कि मैं जिंदा हूं आपके साथ ही बैठा हूं।
अमर आगे बताते हैं कि- देर रात को मुझे बालाजी टेलीफिल्म्स से एक कॉल आया कि उनके इमेल सर्वर क्रैश और टेलीफोन लाइन्स जाम हो गए हैं क्योंकि मिहिर की मौत को लेकर हर तरफ एक बहुत बड़ा बवाल हो गया है। इसके बाद उन्हें देर रात 2 बजे प्रोडक्शन के ऑफिस में जाकर सभी कॉल्स का जवाब देना पड़ा और सभी को समझाना पड़ा था कि वो जिंदा हैं, बस किरदार की मौत हुई है।