हिंदू धर्म में चैत्र माह का विशेष महत्व है। इसे हिंदू वर्ष का पहला मास माना जाता है। इस पवित्र मास की शुरुआत 18 मार्च दिन शुक्रवार से हो गई है। इस दौरान कई त्योहार मनाए जाते हैं। चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होने से इस महीने को चैत्र कहा जाता है। इस दौरान भगवान की पूजा करने के साथ खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
इसलिए खास है चैत्र का महीना
कहा जाता है कि इस माह से सर्दियां समाप्त होकर गर्मियां शुरु होती है। इस मौसम में तरह-तरह के फूल खिलने से चारों ओर हरियाली रहती है। इसी माह में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने वाला चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।
चैत्र मास में ना करें इन चीजों का सेवन
सफेद नमक और अधिक मीठी
चैत्र मास में व्रती को सफेद नमक और अधिक मीठी चीजें खाने से बचना चाहिए। नहीम तो सेहत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
खट्टे फल
इस माह में गर्मियां शुरु हो जाती है। ऐसे में इस दौरान खट्टे फल खाने से सेहत को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
बासी भोजन
चैत्र माह में बासी भोजन खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में बाजी भोजन खाने से बचें।
इन चीजों का करें सेवन
नीम की पत्तियां
चैत्र मास में शीतला माता की पूजा करने का विशेष महत्व है। शीतला माता का वास नीम पेड़ में माना जाता है। ऐसे में इस माह नीम की पूजा करना, माता को अर्पित करना व प्रसाद स्वरूप खाना अच्छा माना जाता है। इस माह में रोग पैदा करने वाले वायरस अधिक एक्टिव रहते हैं। ऐसे में इस दौरान एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल व औषधीय गुणों से भरपूर नीम खाने से बीमारियों से बचाव रहता है।
चना
चैत्र के माह में चना खाना भी अच्छा माना गया है। इससे वजन कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। इम्यूनिटी तेजी से बूस्ट होकर बीमारियों से बचाव रहता है।
मीठे और पके हुए फल खाएं
इस दौरान खट्टे फल खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह हेल्दी रहने के लिए मीठे और पके फल खाने चाहिए।
अधिक पानी पीना
इस माह से गर्मियां शुरु हो जाती है। ऐसे में हेल्दी रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीएं। इससे शरीर में मौजूद गंदगी बाहर निकलने में मदद मिलेगी। इससे वजन कंट्रोल रहने के साथ बीमारियों की चपेट में आने से बचाव रहेगा।
साधारण भोजन करें
इस दौरान हेल्दी रहने के लिए अधिक तला व मसालेदार चीजों की जगह घर का बना साधारण खाना खाएं।