नवजात शिशु मां के दूध से ही पोषण ग्रहण करता है। इससे उसमें कैल्शिमय व अन्य जरूरी तत्वों की पूरी होने में मदद मिलती है। इससे उसका बेहतर विकास होने के साथ बीमारियों से बचाव रहता है। मगर 6 महीने बाद शिशु को ठोस चीजें खाने को दी जाती है। ऐसे में उसकी डेली डाइट में सभी जरूरी तत्वों के साथ कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में होना चाहिए। नहीं तो इसकी कमी से बच्चे की हड्डियां कमजोर होने के साथ सही से विकास होने में बांधा आ सकती है। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बच्चे में कैल्शियम की कमी से होने वाले लक्षण व इससे पूरा करने के उपाय बताते हैं।
नवजात में कैल्शियम की कमी के लक्षण...
मांसपेशियों में ऐंठन
बच्चे को सही मात्रा में कैल्शियम ना मिलने से मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो सकती है। इससे शिशु को शरीर में अकड़न व खिंचाव होने से दर्द महसूस हो सकता है।
धड़कने धीमी होना
कैल्शियम की कमी होने से शिशु की धड़कने धीमी हो सकती है। हार्ट रेट कम होने से दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ता है। इससे उसके शारीरिक व मानसिक विकास में रूकावटें पैदा हो सकती है।
रातभर रोना
बच्चा रात को ठीक से ना सोने की जगह रातभर रोता रहता है तो यह कैल्शियम की कमी की ओर इशारा करता है। ऐसे में शिशु को अंदर से कमजोरी व थकान भी महसूस होगी।
अधिक पसीना आना
जरूरत से ज्यादा पसीना आना भी कैल्शियम की कमी का संकेत देता है। ऐसे में शिशु की डाइट का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।
स्वभाव में चिड़चिड़ाहट
बच्चे के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आने का मुख्य कारण कैल्शियम की कमी कहलाता है। ऐसे में शिशु बैचेनी महसूस करने के साथ हर बात पर जिद्द करता है। साथ ही लगातार रोता रहता है। ऐसे में उसकी सेहत खराब हो सकती है।
दांत आने में देरी
आमतौर पर 6 महीने के बाद बच्चे दांत निकालने शुरू कर देता है। मगर शरीर में कैल्शियम की कमी होने से शिशु के दांत आगे में देरी लगती है। ऐसे में इस परिस्थिति पर बिना देरी लगाएं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके सलाह लेनी चाहिए।
शिशु में कैल्शियम की कमी पूरी करने के उपाय
- नवजात में कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए स्तनपान करना बेस्ट ऑप्शन हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, शिशु को गाय का या फार्मूला दूध पिलाने से बचें।
- शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए विटामिन डी की जरूरत होती है। ऐसे में रोजाना 20-30 मिनट तक बच्चे को धूप में ले जाएं। अधिक ठंड या गर्मी से बचने के लिए शिशु को घर के अंदर खिड़की के पास बैठाएं।
- शिशु को हरे पत्तेदार सब्जियों का जूस या सूप पिलाएं।
- दाल का पानी भी बच्चे को पिला सकते हैं।
- दही, पनीर आदि डेयरी प्रॉडक्टस कैल्शियम की कमी पूरा करने के मुख्य स्त्रोत है।