कहा जाता है कि बेटा भाग्य मगर बेटी सौभाग्य से मिलती है। शायद इसलिए हर मां-बाप के लिए उनकी बेटी बेहद ही खास होती है। मगर फिर भी दुनियाभर में आज भी बेटी यानि एक लड़की को उसका पूरा हक नहीं मिल पाया है। ऐसे में दुनियाभर में बेटियों को सम्मानित करने के लिए हर साल सितंबर के चौथे रविवार Daughters Day यानि बेटी दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को जागरूक किया जाता है कि लड़कियांं किसी से कम नहीं है। वे भी लड़कों की तरह हर काम को करने में माहिर होती है। चलिए आज हम आपको विस्तार से इस खास दिन को मनाने का इतिहास व महत्व...
चलिए जानते हैं ‘डॉटर्स डे’ मनाने का इतिहास
वैसे तो दुनियाभर में ‘डॉटर्स डे को अलग-अलग दिन में सेलिब्रेट किया जाता है। मगर बात भारत की करें तो इसे खास दिन को देशभर में सितंबर के चौथे रविवार को मनाया जाता है। इस साल यह दिन 26 सितंबर को पड़ रहा है। इस दिन को मनाने के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन छुट्टी होती है। ऐसे मेें पेरेंट्स हंसी-खुशी अपनी बेटी के साथ टाइम बीता सके।
लोगों को बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए जागृत करना
भले ही लड़कियां चांद तक पहुंच गई है। मगर आज भी दुनिया में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां पर अभी भी महिला और पुरुष में भेदभाव किया जाता है। ऐसे में इन देशों के लोग इस असमानता को खत्म करने के लिए बेटी दिवस का यह खास दिन मनाते हैं। वहीं सरकार की नज़रों में तो हर इंसान बराबर का हकदार है। मगर लोगों की आंखों पर पड़े इस अंधकार रूपी पर्दे को हटाने के लिए उन्हें जागरूक करना बेहद जरूरी है।
‘डॉटर्स डे’ मनाने का महत्व
इसे दिन को मनाने का महत्व है कि बेटियां किसी से कम नहीं होती है। इसलिए उसे भी लड़कों की तरह बराबरी का हक देना चाहिए। ऐसे में इस खास दिन पर बेटियों को देशभर में उनकी सफलता के लिए सहारा जाता है। साथ ही लोगों को अपनी बेटियों को आगे बढ़ने व उन्हें सफलता की सीढ़ी चढ़ने की प्रेरणा दी जाती है।
ऐसे बनाएं ‘डॉटर्स डे’ को खास
अपवी बेटी के साथ टाइम बीताएं। उसकी भावनाओं व विचारों की कद्र करें और जीवन में उसे सही राह पर चलने व आगे बढ़ने की प्रेरणा दें। आप आज के दिन अपनी बेटी को कुछ खास सरप्राइज दे सकते हैं। आप उनके लिए कोई गिफ्ट, ड्रेस या उसके नाम से एफ डी करवा सकती है। उसके नाम के पैसे जमा करने से आप उसका भविष्य सुरक्षित कर सकती है। इसके अलावा आज के दिन को और भी स्पेशल बनाने के लिए बेटी के साथ कहीं बाहर घूमने जा सकती है। अपनी बेटी के विचारों व भावनाओं को समझें।