कई महिलाओं के चेहरे पर भूरे रंग के दाग-धब्बे होते हैं। इस स्थिति को स्थिति मेलाज्मा/मेलास्मा कहा जाता है। एक्सपर्ट अनुसार, यह समस्या या रोग आमतौर पर 21 से 50 साल की उम्र में नजर आती है। ऐसे में समय रहते इसके प्रकार, लक्षणों को समझना बेहद जरूरी होता है। तभी सही इलाज करके स्किन के इस रोग से बचा जा सकता हैं। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में मेलाज्मा के लक्षण, कारण, प्रकार व कुछ घरेलू उपचार व टिप्स बताते हैं...
चलिए जानते हैं मेलाज्मा/मेलास्मा के प्रकार
ब्यूटी एक्सपर्ट अनुसार, मेलाज्मा/मेलास्मा तीन तरह के होते हैं- सेंट्रोफेशियल, मलार और मंडीबुलर। सेंट्रोफेशियल में सिर, ऊपरी होंठ, ठोड़ी और नाक पर निशान पड़ने लगते हैं। मलार में गालों पर निशान दिखाई देते हैं। इसके अलावा मंडीबुलर में जबड़े पर भी निशान दिखाई देने लगते हैं।
मेलाज्मा/मेलास्मा के कारण
वैसे तो यह समस्या एक तरह का स्किन पिगमेंटेशन का ही रूप है। मगर फिर भी इसके कारण पूरी तरह से पता नहीं चल पाे है। हालांकि की कुछ रिसर्च मुताबिक इसके कारण बताए गए हैं...
. गर्भावस्था दौरान ऐसे निशान चेहरे पर पड़ने लगते हैं।
. जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोली का सेवन करती हैं। उन्हें मेलाज्मा का सामना करना पड़ सकता है।
. परिवार में पहले से किसी को यह समस्या होने पर दूसरा व्यक्ति इसका शिकार हो सकता हैं।
. लंबे समय तक सूरज की तेज रोशनी पर रहने से भी यह समस्या होने का खतरा रहता है।
एक्सपर्ट अनुसार, जिन महिलाओं को गर्भावस्था या गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने दौरान यह परेशानी होती है। उन्हें गोलियों का सेवन बंद कर देना चाहिए। इससे मेलाजमा की परेशानी अपने आप ठीक हो जाती है।
चलिए अब जानते हैं मलाज्मा के लक्षण
. चेहरे पर गहरे व भूरे रंग के दाग-धब्बे पड़ना।
. चेहरे पर गहरी परत जम जाना।
. गालों पर धब्बे पड़ना।
. जबड़ें के आसपास धब्बे दिखाई देना।
. चिन और चिकबोंस पर धब्बे महसूस होना
. गले पर भी गहरी लाल रेखा पड़ना।
मेलाज्मा से ऐसे करें बचाव
. हल्दी स्किन संबंधी समस्याएं दूर करने में कारगर मानी गई है। ऐसे में आप दूध में हल्दी मिलाकर दाग-धब्बों पर लगा सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट तक लगाएं। बाद में ताजे या गुनगुने पानी से धो लें। इससे आपके चेहरे पर पड़े दाग-धब्बे दूर होकर स्किन एकदम साफ, निखरी, मुलायम व जवां नजर आएगी।
. धूम्रपान, शराब आदि का सेवन करने से बचें।
. डेली डाइट में अधिक मिर्च-मसाले, नमकीन चीजें ना खाएं। इसके अलावा बैंगन खाने से भी बचें।
. जंक व ऑयली फूड से परहेज रखें।
. ज्यादा चीनी व खमीर युक्त चीजें खाने से भी मेलाज्मा की समस्या हो सकती हैं। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए इनका सेवन ना करें।
. रोजाना सुबह-शाम 20-30 मिनट तक व्यायाम करें। आप साइक्लिंग, दौड़ना, पैदल चलना, इसके अलावा कुछ योगासन जैसे- सूर्य नमस्कार, सर्वागासन, उत्तानासन आदि कर सकते हैं।
. भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें।
. घर से बाहर जानें से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं। सूरज की तेज किरणों से स्किन को बचाकर रखें।
. डेली डाइट में विटामिन सी, ई को शामिल करें।
ऐसे में हम कह सकते हैं कि मेलाज्मा की समस्या आम नहीं हैं। मगर आप समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इसे रोक सकते हैं। मगर कोई फर्क महसूस ना होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।