कैंसर और हृदय रोगों की तरह टीबी भी एक गंभीर बीमारी है जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि इसके चलते हर साल लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। यही कारण है हर साल टीबी की बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस (World Tuberculosis Day 2023) मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन बीमारी के बैक्टीरिया की पहचान हुई थी। चलिए आज जानते हैं टीबी के लक्षण और क्या है इसका इलाज।
सबसे पहले जानते हैं क्या है ट्यूबरक्लोसिस (TB)
ट्यूबरकुलोसिस शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, फेफड़ों में होने वाला टीबी सबसे आम प्रकार का होता है। कोरोना की तरह फेफड़ों में होने वाला टीबी भी खांसी और छींक के द्वारा एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। ट्यूबरकुलोसिस का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है जो जिन्हें पहले से कोई बड़ी बीमारी जैसे कि एड्स या डायबिटीज आदि। साथ ही, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उन पर भी यह बीमारी का खतरा मंडराता है। ट्यूबरकुलोसिस मुख्यता दो प्रकार के होते हैं जिसमें लेटेंट ट्यूबरकुलोसिस और सक्रिय ट्यूबरकुलोसिस शामिल हैं।
लेटेंट ट्यूबरकुलोसिस: लैटेंट टीबी के लक्षण किसी भी सामान्य फ्लू या बुखार के भी लक्षण हो सकते हैं। इस स्थिति में बैक्टीरिया आपके शरीर में होता है, लेकिन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली उसे सक्रिय नहीं होने देती है
सक्रिय ट्यूबरकुलोसिस: इस स्थिति में बैक्टीरिया आपके शरीर में विकसित हो रहा होता है और आपको इसके लक्षण भी अनुभव होते हैं। 3 हफ्ते से ज्यादा तक कफ बना हुआ है तो आपको सतर्क रहने की जरुरत है। छाती में दर्द, खांसी में खून आना, थकान, रात में पसीना आना, ठंड लगना, बुखार, भूख ना लगना और वजन कम हो जाना भी इसके मुख्य लक्षण हैं।
हर दिन लोग गंवा रहे जान
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, टीबी दुनिया भर में होने वाली मौतों के शीर्ष 10 कारणों में से एक है। हर साल हम टीबी के विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को तेज करने के लिए 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (टीबी) दिवस मनाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एचओ) के मुताबिक हर दिन, 4100 से अधिक लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और करीब 28,000 लोग इस रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी से बीमार पड़ते हैं।
ये है इस साल की थीम
विश्व तपेदिक दिवस को लेकर हर साल एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल की थीम है- यस! वी कैन एंड टीबी! (Yes! We can end TB!) इसका मतलब है कि हां, हम टीबी का अंत कर सकते हैं। दरअसल भारत का संकल्प है कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है।
कैसे फैलती है यह बीमारी?
टीबी हवा के माध्यम से फैलती है जब कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके बोलने, छींकने या हंसने पर बैक्टीरिया निकलते हैं, जिसके संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ जाता है। इस बीमारी के रोगाणु धीरे-धीरे बढ़ते हैं। इसकी शुरुआत आमतौर पर फेफड़ों से होती हैं लेकिन इसके अलावा यह ब्रेन, यूटर्स, मुंह, लिवर, किडनी, गले, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं लेकिन फेफड़ों के अलावा बाकी टीबी फैलने वाली नहीं होती।
कैसे पहचानें लक्षण
-2 हफ्तों से ज्यादा खांसी रहना
-खांसी के साथ बलगम व खून आना
-सांस लेने में परेशानी
-सीने में तेज दर्द
-थूक का रंग बदलना
-खांसते समय दर्द महसूस
-शाम या रात के वक्त बुखार आना
-भूख कम लगना
-थकान और कमजोरी
-रात को पसीना आना
-वजन कम होना
टीबी से बचने का तरीका
-पैदा होते ही बच्चे को BCG का टीका लगवाएं। इससे इस बीमारी का खतरा 80 फीसदी कम होता है।
-न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, अंडा, पनीर आदि) लें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, जिससे आप इस बीमारी से दूर रहेंगे।
-ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
-कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और वहां जाने से परहेज भी करें।
-स्मोकिंग से परहेज करें क्योंकि इससे टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
-शुगर के मरीजों और स्टेरॉयड लेने वालों लोगों को भी खास ख्याल रखना चाहिए। इनमें टीबी का खतरा ज्यादा होता है।
टीबी रोग के घरेलू उपाय
1. लहसुन
सल्फयूरिक एसिड से भरपूर लहसुन टीबी के कीटाणुओं को खत्म करने में मदद करता है। इसके लिए आधा चम्मच लहसुन, 1 कप दूध और 4 कप पानी को एक साथ उबालें। इसे दिन में 3 बार पीने से टीबी रोग दूर हो जाता है।
2. शहद
200 ग्राम शहद, 200 ग्राम मिश्री, 100 ग्राम घी को अच्छी तरह मिक्स कर लें। दिन में 2-3 बाद इसे टीबी मरीज को चटाए और इसके बाद गाय या बकरी का दूध पिला दें। इससे टीबी जड़ से खत्म हो जाएगी।
3. पीपल के पत्ते
पीपल के पत्तों को जलाकर इसकी 10 ग्राम राख को 20 ग्राम तक बकरी के गर्म दूध में मिक्स करें। इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर रोजाना पीएं। टीबी रोग हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
4. संतरा
टीबी रोग होने पर ताजा संतरे के जूस में नमक और शहद मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पीएं। इसके अलावा संतरा खाने से भी टी बी के रोगी को फायदा होता है।
5. काली मिर्च
फेफड़ों में जमा कफ और खांसी को दूर करने के लिए थोड़े से मक्खन में 8-10 काली मिर्च फ्राई करके इसमें 1 चुटकी हींग मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को तीन बराबर भागों में बांटकर दिन में 7-8 बार लें।