
स्त्री, आदिवासी और सेल्फ मेड यानि की अपने दम पर अपनी जीवन में मकाम हासिल करने वाली द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में अपना जन्मदिन मनाया था। नाम की तरह उनका व्यक्तित्व भी काफी मजबूत है। आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाली देश की 15वीं महामहिम इस मुकाम तक पहुंचने के बावजूद बेहद सादगी से रहना पसंद करती हैं।

अत्यंत सादगी से रहने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूरी तरह से शाकाहारी हैं, वह तो प्याज- लहसुन तक भी नहीं खाती हैं। उन्हें खाने में साग, पीठा और उड़िया भोजन पसंद हैं। राष्ट्रपति भवन के किचन के सीनियर कुक ने एक चैनेल को दिए इंटरव्यू में बताया कि महामहिम को उडिया व्यंजन पाखला बहुत पसंद है, इसके साथ वह साजन साग और आलू भर्ता भी खाना पसंद करती हैं।

कुक के अनुसार राष्ट्रपति नाश्ते में ओट्स, पूरियों के साथ आलू सब्जी और चावल का चीला खाना पसंद करती हैं। उन्हें दलमा (सब्जियों और छोले की करी जैसी सब्जी) और संथुला (एक लोकप्रिय मिश्रित सब्जी) अति प्रिय है। कभी- कभी वह किचन में आकर बताती हैं कि उन्हें क्या खाना है और कोई डिश कैसे बनाई जाती है वह भी बताती हैं।

खबरों की मानें तो राष्ट्रपति भवन के किचन के कई सेक्शन हैं, जिसमें मुख्य किचन, बेकर्स, हलवाई, कॉन्टिनेटल और ट्रेनिंग एरिया शामिल हैं। इनकी सफाई के लिए भी एक खास टीम होती है।यही किचन राष्ट्रपति भवन के सभी आधिकारिक समारोहों, मीटिंग्स, रिसेप्शन और कॉन्फ्रेंस में खानपान की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालता है।

जिन लोगों ने राष्ट्रपति भवन के समारोहों में शिरकत की है, वे बताते हैं कि यहां की किचन देश के किसी पांच सितारा होटल से कम नहीं है। दशकों में राष्ट्रपति भवन के किचन विभाग ने लोगों के विशिष्ट स्वागत और खाना परोसने की विशिष्ट शैली भी विकसित कर ली।बताया जाता है कि राष्ट्रपति भवन के किचन में बनने वाली सब्जियां और मसाले पूरी तरह से यहां के किचन गार्डन में ही उगाए जाते हैं।