पितृ पक्ष के दिन चल रहे हैं। भारत में बड़े ही आस्था व विश्वास के साथ पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दौरान पूर्वजों के नाम से पंडितों को भोजन करवाने के साथ दक्षिणा, कपड़े आदि चीजों का दान किया जाता है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद पाने और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। मगर बहुत से लोग ऐसे है जिनका मानना है कि इन दिनों में कोई भी नई वस्तु या चीज खरीदनी नहीं चाहिए। इसी वजह से इन दिनों में बाजारों में कोई चहल-पहल व रौनक देखने को नहीं मिलती है। मगर बात अगर ज्योतिषशास्त्र की करें तो उनके अनुसार इस दौरान पितर धरती पर आकर रहते हैं। ऐसे में वे घर पर कोई नई चीज देखने से नाराज नहीं बल्कि खुश होते हैं। ऐसे में इन दौरान की गई खरीददारी को अशुभ कहना गलत होगा। तो चलिए आज हम बताते हैं कि पितृ पक्ष के दिनों में खरीददारी करना शुभ है या अशुभ...
इन धारणाओं को मानना सही नहीं
लोगों का माननाहै कि पितृपक्ष के दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर व उनके घर आकर रहते हैं। ऐसे में इस समय दौरान कोई भी नई चीज को खरीदना अशुभ माना जाता है। असल में, लोगों का मानना है इस समय हम जो कुछ भी खरीदते हैं वे चीजें पितरों को समर्पित होने से प्रेत के अंश में मानी जाती है। साथ ही इन दिनों में श्राद्ध का कार्य व पितरों के नाम पर दान व पाठ करना चाहिए। ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद मिल सके। इसलिए पितृ पक्ष के दिनों में अपने लिए कोई भी नई चीज की खरीददारी नहीं करनी चाहिए। नहीं तो पितरों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। मगर इन सब बातों का कुछ खास मतलब न होने से कोई नई चीज न खरीदना गलत होगा।
इन कामों को करने की गलती न करें
मान्यता है कि इन दिनों में खासतौर पर लड़ाई- झगड़ा नहीं करना चाहिए। नहीं तो पितरों की नारजगी का सामना करना पड़ सकता है। किसी के बारे में कोई गलत धारणा न रखें। ऐसे में इस दौरान पितरों के धरती पर होने खुशी मनानी चाहिए। साथ ही अच्छे से पितरों का श्राद्ध कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
पूर्वज होते हैं प्रसन्न
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध कुल 16 दिनों में संपन्न होते हैं। इस दौरान शादी, मुंडन, गृहप्रवेश आदि काम नहीं करने चाहिए। मगर ज्योति व वास्तुशास्त्र के अनुसार, इस समय पितर धरती पर आकर बच्चों की तरक्की व खुशी देखकर और भी खुश होते हैं। इसलिए इन दिनों में पूर्वजों का सच्चे मन से श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य जरूर करना चाहिए।
गणपति बप्पा और देवी दुर्गा से है संबंध
बहुत से लोग पितृ पक्ष के दिनों को अशुभ मानते हैं। मगर ऐसा सोचना गलत है। असृल में, पितृ पक्ष की शुरुआत से पहले लोग गणेश जी के शुभ दिनों को मना चुके होते हैं। साथ ही पितर पक्ष खत्म होने के बाद देवी दुर्गा के नवरात्र शुरू हो जाते हैं। ऐसे में पितर पक्ष के दिनों को अशुभ कहना गलत होगा। ऐसे में लोगों को कपड़े, गाड़ी, गहनों आदि चीजों को दौरान न खरीदने की अपनी गलत धारणा को बदलने की जरूरत है।
इस साल बन रहे शुभ संयोग
इस साल पितृ पक्ष दौरान सात सर्वार्थ सिद्धि योग, दोषसंघ विनाशक दो रवियोग और एक त्रिपुष्कर योग बन रहे है। 13 सितंबर दिन रविवार को रविपुष्प का योग बन रहा है। साथ ही इस पक्ष में विश्वकर्मा पूजा भी की जाएगी। इसतरह पितरों का आशीर्वाद मिलेगा। ऐसे में मांगलिक कार्यों को छोड़कर दिल खोलकर खरीदारी कर सकते हैं। यह शुभ संयोग होने से इस दौरान लाभ व खुशी मिलेगी।
दिल खोल कर करें शॉपिंग
इस दौरान अपने कारोबार में बढ़ोतरी करने के लिए व्यापारियों ने बहुत से ऑफर निकाले होते हैं। ऐसे में बिना किसी सोच- विचार के अपने मनपसंद चीजों व कपड़ों की शॉपिंग करें। आपको नए कपड़ों व चीजों के साथ देकर आपके पूर्वज खुश होंगे। वैसे भी तो श्राद्ध को लेकर यही कहा जाता है कि इन दिनों पितृ धरती पर हमें सुख, समृद्धि व तरक्की का आशीर्वाद देने आते हैं। ऐसे में हमें खुश देखकर खुद भी प्रसन्न होंगे। साथ ही जाते हुए भी खुश रहने का आशीर्वाद देकर जाएंगे।