नारी डेस्कः बाकी अंगों की तरह किडनी भी बॉडी का ऐसा अंग है जिसके बिना व्यक्ति लंबा समय तक सर्वाइव नहीं कर सकता । किडनी बॉडी में फिल्टर का काम करती है लेकिन बिगड़े लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों के चलते किडनी इंफेक्शन और डैमेज होने की समस्या काफी बढ़ गई है। कम उम्र के लोगों में ही किडनी डैमेज की समस्या देखने को मिल रही है लेकिन कुछ लक्षणों को समय रहते गौर करके किडनी को डैमेज होने से बचाया जा सकता है।
किडनी खराब होने की निशानियां
जब किडनी अपना कार्य सही से नहीं करती तो शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है जैसेः यूरिन में बदलाव आना, ज्यादा और बहुत कम आना, रंग बदलना, खून आना और यूरिन में झाग आना।
हाथों-पैरों और आंखों के चारों और सूजन आने लगती है। कमजोरी महसूस होती है। भूख बहुत कम लगती है।
त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है और खुजली होती है। ठीक से नींद नहीं आती।
मांसपेशियों में ऐंठन रहती है और वजन बढ़ने या कम होने लगता है।
हालांकि किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण अस्पष्ट हो सकते हैं और आम बीमारियों के साथ भी मेल खा सकते हैं।
किडनी खराब होने के बड़े कारण
किडनी खराब होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें किडनी खराब होने का खतरा सबसे अधिक रहता है।
जिन लोगों को हार्ट अटैक आया है या फिर लिवर फेल है। जिन्हें ब्लड प्रैशर की समस्या रहती है।
जो लोग बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करते हैं और बहुत अधिक सोडा-एल्कोहल पीते हैं।
पेनकिलर का अधिक इस्तेमाल करने वाले लोगों को भी किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है।
जो लोग नींद पूरी नहीं करते उन्हें भी किडनी डैमेज होने की समस्या हो सकती है।
किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों की डाइट
किडनी से पीड़ित लोगों को खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है। किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों को पानी भरपूर मात्रा में पीना चाहिए। इससे किडनी साफ होती रहती है और ठीक से काम करती है। उन्हें नींबू का रस और क्रैनबेरी का जूस पीना चाहिए। उन्हें कम सोडियम वाले सूप पीने चाहिए। सेब, बैरीज, लाल अंगूर, खट्टे फल, और शकरकंद का सेवन करना चाहिए।
किडनी के मरीजों के लिए मूंग दाल प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। इसकी खिचड़ी खाना भी अच्छा माना जाता है। खिचड़ी में दाल के साथ चावल का इस्तेमाल किया जाता है।
पालक, केल, शिमला मिर्च और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियां विटामिन ए, सी और के के साथ-साथ आयरन और फोलेट से भरपूर होती हैं। ये हरी पत्तेदार सब्जियां किडनी पर ज्यादा पोटैशियम डाले बिना आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती हैं।
किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों को दूध, पनीर और दही का सेवन कम करना चाहिए क्योंकि इसमें कैल्शियम और विटामिन डी के साथ पोटैशियम और फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है, लेकिन अगर आप कम पोटैशियम, कम फॉस्फोरस वाला किडनी आहार ले रहे हैं तो आहार विशेषज्ञ इसे 4 औंस तक सीमित रखने की सलाह दे सकते हैं।
हैम, बेकन, सॉसेज, हॉट डॉग, लंच मीट, चिकन टेंडर नगेट्स, फली और बादाम से परहेज करना चाहिए। लाल मांस का सेवन भी ना करें क्योंकि इसमें पाया जाने वाला हाई प्रोटीन आपकी किडनी को नुकसान पहुंचाएगा।
नोटः किडनी पैशेंट को रूटीन में ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए ताकि पोटैशियम स्तर का पता चलता रहे।