नारी डेस्क: करवा चौथ एक विशेष पर्व है, जिसे हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। यह पर्व केवल एक धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाने का भी एक अवसर है। महिलाएं इस दिन निर्जला उपवास करती हैं, जिसका अर्थ है कि वे पूरे दिन अन्न और जल का सेवन नहीं करतीं।
क्या पति भी रख सकते हैं करवा चौथ का व्रत?
हाल के वर्षों में, यह परंपरा तेजी से बदल रही है, और अब कई पुरुष भी अपनी पत्नी की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए करवा चौथ का व्रत रखने का निर्णय ले रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पति को अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहिए, खासकर यदि उनकी पत्नी गर्भवती है या किसी कारणवश व्रत नहीं रख पा रही हैं।
2024 में करवा चौथ कब है?
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को सुबह 06:46 बजे से होगा और समापन 21 अक्टूबर को सुबह 04:16 बजे पर होगा। चांद की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर को शाम 05:46 बजे से 07:09 बजे तक रहेगा।
पति को करवा चौथ व्रत रखने की विशेष परिस्थितियां
1. गर्भवती पत्नी यदि पत्नी गर्भवती है, तो पति का व्रत रखना न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच संबंधों को भी मजबूत करता है।
2. बीमार पत्नी यदि पत्नी किसी बीमारी से ग्रसित है और व्रत नहीं रख पा रही है, तो पति को उसके स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखना चाहिए।
3. सामाजिक मान्यता आधुनिक युग में पति भी अपनी पत्नी के लिए व्रत रखकर उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करते हैं और यह एक सकारात्मक संदेश भी देता है।
व्रत का विधि-विधान
यदि पति अपने पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं, तो उन्हें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। पूजा विधि पूरे विधि-विधान से पूजा करें। देवी-देवताओं की पूजा करना अनिवार्य है। व्रत की कथा व्रत के दिन करवा चौथ की कथा सुनना भी महत्वपूर्ण है। यह कथा व्रत के महत्व और इसे रखने के लाभों को समझाती है। साथ में उपवास पति और पत्नी दोनों एक साथ उपवास रखकर इस पर्व का महत्व बढ़ा सकते हैं।
करवा चौथ का सांस्कृतिक महत्व
करवा चौथ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह दांपत्य जीवन के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। यह एक ऐसा अवसर है जब पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार करते हैं। इस दिन, एक-दूसरे के साथ समय बिताना, प्यार से बातें करना और एक-दूसरे के लिए अच्छे स्वास्थ्य की कामना करना इस पर्व का सार है।
इस साल, करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा में बदलाव आया है। पति भी अपनी पत्नी की लंबी आयु और सुखद जीवन के लिए इस व्रत को रख सकते हैं। इससे न केवल उनके रिश्ते में प्यार बढ़ेगा, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का भी प्रतीक होगा। इस पर्व के दौरान एक-दूसरे के प्रति सम्मान और समर्पण दिखाना हमेशा सकारात्मक परिणाम लाता है।
करवा चौथ का यह पर्व हमें एक नई सोच और दृष्टिकोण देने का अवसर प्रदान करता है, जहां पति-पत्नी मिलकर अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं।