कल यानी की 2 अक्टूबर को पूरे भारत देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती मनाई जाएगी। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बाद 2 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है। राष्ट्रपिता का जन्म 2 अक्टूबर को 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था उन्होंने देश को अहिंसा के रास्ते पर चलाकर अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवाया था। लोगों के दिलों में महात्मा गांधी के प्रति सम्मान बढ़ाने और उनके विचारों को याद करने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है। ऐसे में उनके इस खास दिन पर आपको राष्ट्रपिता के कुछ ऐसे विचार बताते हैं जो जीवन का तरीका बदल देंगे। आइए जानते हैं....
ऐसा जीवन जिएं
राष्ट्रपिता का मानना था कि ऐसा जीवन जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और कोई भी चीज को ऐसे सीखें जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।
ऐसी आजादी का नहीं फायदा
उनका मानना था कि ऐसी आजादी का कोई अर्थ नहीं है जिसमें गलतियां करने की आजादी शामिल हो।
पेरेंट्स से बड़ा कोई शिक्षक नहीं
महात्मा गांधी का मानना था कि एक सभ्य और आदर्श परिवार से बढ़ा कोई और स्कूल नहीं है और एक अच्छे पेरेंट्स जैसा कोई अन्य शिक्षक हो नहीं सकता है।
इस बात में मानवता
उनका मानना था कि मानवता की महानता मानव होने में नहीं है बल्कि मानवीय होने में है।
व्यक्ति जो सोचता है वह बनता है
व्यक्ति अपने विचारों के बिना कुछ भी नहीं है वह जो भी सोचता है वही बन जाता है।
कष्ट सहन करने पर ही अनुभव मिलता है
उनका मानना था कि कष्ट सहने पर हमें अनुभव मिलता है और हम तभी दर्द को सीख पाते हैं।
सत्य बिना किसी के भी खड़ा रहता है
सच को किसी की जरुरत नहीं पड़ती वह बिना किसी के जरुरत के भी खड़ा रहता है क्योंकि सच आत्मनिर्भर है।