प्रैगनेंसी का समय काफी संभल कर रहने वाला होता है। इस नाजुक समय में गर्भवती द्वारा हुई गलती गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जैसे हैल्दी खाना, सोने और उठने बैठने की पोजिशन सब सही होनी जरूरी है। इस समय महिला को झुकने संबंधी भी बहुत सी सावधानियां बरतने की जरूरत होती है लेकिन प्रैग्नेंसी के किस महीने में झुकना ज्यादा नुकसानदेह है यह जानना भी बहुत जरूरी है? तो चलिए आपको बताते हैं।
सबसे पहले बताते हैं कि प्रैग्नेंसी में झुकने के लिए मना क्यों किया जाता है?
गर्भावस्था में महिला को झुकने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि झुकने से पेट पर दबाव पड़ता है जो शिशु के लिए सही नहीं होता हालांकि गर्भ में भ्रूण एम्नियोटिक फ्लूइड में होता है जो गर्भ में शिशु को एक कुशन की तरह सुरक्षा देता है। यह शिशु के फेफड़ों, पाचन मार्ग और मांसपेशियों के विकास में भी मदद करता है। एम्नियोटिक फ्लूइड के कम व ज्यादा होने से कुछ कॉम्प्लिकेशंस आ सकती हैं लेकिन जैसे-जैसे बेबी बंप बढ़ता है महिलाओं को झुकने में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है जैसे कि प्रैगनेंसी की आखिरी तिमाही में पेट का साइज बढ़ जाता। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंट औरत को कब झुकना चाहिए कब नहीं?
प्रैग्नेंसी की पहली तिमाही में झुकना
प्रैगनेंसी की पहली तिमाही यानि की पहले तीन महीने में भ्रूण बहुत छोटा होता है और शरीर में लचीलापन भी रहता है इसलिए इस इस समय झुकने में कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि प्लेसेंटा और पेट की लाइनिंग, शिशु को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने का काम करती है लेकिन ऐसा हर गर्भवती के साथ नहीं होता। अगर आपकी प्रैगनेंसी हैल्दी नहीं है और आपकी डॉक्टर ने विशेष रूप से आपको पहली तिमाही में झुकने के लिए मना किया है तो लापरवाही ना बरतें। क्योंकि इससे आपके गर्भस्थ भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है।
2. प्रैगनेंसी की दूसरी तिमाही भी आपको इसी तरह के नियमों का पालन करना है अगर आपकी पहले से ही प्रेग्नेंसी से जुड़े कॉम्पिलेक्शन है। अगर आपकी प्रैगनेंसी हैल्दी है तो आपको डरने की जरूरत नहीं है।
3. प्रैगनेंसी की तीसरी तिमाही में हर गर्भवती औरत को सुचेत रहना जरूरी होता है क्योंकि इस दौरान बेबी बंप का साइज काफी बढ़ चुका होता है। ऐसे में भारी सामान उठाना, बार-बार झुकने से आपकी बॉडी डिस-बैलेंस हो सकती है। जिससे आपको और आपके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। इस समय शिशु का सिर नीचे की ओर होता है और अगर झुकते समय आप गिर गईं तो पेट में चोट लग सकती है और इससे प्लेसेंटल अब्रप्शन के साथ-साथ ब्लीडिंग और मिसकैरेज तक हो सकता है।
आगे की ओर झुकने पर सिर की तरफ रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जिससे चक्कर आने जैसा महसूस हो सकता है। इससे पेट पर प्रैशर पड़ता है जिससे एसिड रिफलैक्स हो सकता है और आपको सीने में जलन की परेशानी। इस दौरान कमर में दर्द भी आप होता है और अगर आप झुकती है तो प्रेशर और बढ़ जाता है। ये आपकी कमजोर लिगामेंट में दर्द भी पैदा कर सकता है।
प्रेग्नेंसी में झुकना पड़े तो कैसे झुकें?
अगर आपको झुकना भी पड़ रहा है तो सीधे एक ही झटके में ना झुकें बल्कि पहले घुटनों को मोड़े फिर धीरे-धीरे झुके ताकि पेट पर दबाव ना पड़े।
झुकी हुई पोजीशन से वापस ऊपर आने के लिए हाथों, घुटनों और जांघों की मदद लें। अगर आप कोई भारी सामान उठा रही हैं तो उसे अपने पेट के सामने रखने के बजाय पेट के नीचे रखें। आखिरी की तिमाही में आप झुकने से जितना परहेज करेंगे उतना ही आपके और आपके बच्चे के लिए बेहतर है।