फसलों की पैदावार करने के लिए जमीन पर खेती की जाती है। मगर दुनिया में बहुत सी जगह ऐसी है जहां पर जमीन पर नहीं बल्कि दीवार पर खेती होती है। सुनकर आपको बेहद हैरानी हो रही होगी। मगर यह ही सच है। इन्हें 'वर्टिकल फार्मिंग' यानी 'दीवार पर खेती' करना कहते हैं, जो धीरे- धीरे लोगों द्वारा बेहद लोकप्रिय हो रही है। तो चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं...
इजरायल में होती है वर्टिकल फार्मिंग
दीवारों पर खेती इजरायल और अन्य कई देशों में की जाती है। असल में, खेती के लिए जमीन कम होने के कारण यहां के लोगों द्वारा दीवारों पर खेती करने का फैसला लिया गया है। आज इजरायल के साथ अमेरिका, चीन और दुनिया के कई देशों में इस तकनीक को अपनाया गया है।
दीवार पर खेती करने का तरीका
दीवार पर खेती करने के लिए कंप्यूटर को इस्तेमाल किया जाता है। छोटे- छोटे गमलों में पौधे लगाकर उसे दीवारों पर इस तरीके से रखा जाता है कि वो गिरे न। साथ ही पौधों की सिंचाई विशेष लोगों द्वारा कंप्यूटर की मदद से की जाती है। गेहूं अनाज को उगाने के लिए यूनिट्स को दीवारों से थोड़ी देर के लिए निकाल कर दोबारा दीवार पर सेट किया जाता है। फसलों को उगाने के लिए ग्रीनवॉल इजरायली कंपनी नेताफिम के द्वारा विकसित की गई बूंद- बूंद की सिंचाई की तकनीक को अपनाया जाता है।
वातावरण के लिए भी फायदेमंद
इजरायल के बाद अमेरिका, यूरोप व चीन समेत कई देशों के लोग इस तकनीक को अपना रहें हैं। ऐसे में यह लोगों द्वारा लोकप्रिय हो रही है। इस तरीके से खेती करने पर जमीन की बचत होने के साथ दीवार पर लगे पौधे घर का तापमान भी सही रखने में मदद करता है। साथ ही आसापास का वातावरण खुशबू से भरने के साथ नमी से भरा रहता है। इसके अलावा वर्टिकल फार्मिंग से ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव भी कम देखने को मिलता है।