हर किसी को अपनी तारीफ सुनना पसंद होता है, चाहे वे बड़े हो या छोटे। किसी के आत्मविश्वास को बढ़ाना है तो तारीफ करना काफी हद तक सहायक है। खासकर बच्चों के लिए। किसी काम को लेकर जब माता-पिता बच्चे की तारीफ करते हैं तो बच्चों में उस काम को और बेहतर करने की इच्छा जगती है, जो उनके बेहतर विकास के लिए सहायक है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप बच्चे की जरूरत से ज्यादा तारीफ करें या उसके गलत काम को अनदेखा करें। यहां ऐसे ही कुछ सुझाव बताए जा रहे हैं जिनकी मदद से पेरैंट्स अपने बच्चे की संतुलित तारीफ कर सकते हैं-
करें प्रोत्साहित
माता-पिता को हमेशा बच्चों को किसी अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उनके द्वारा कहे गए प्रोत्साहन भरे शब्द बच्चों में और ऊर्जा भरते हैं और वे किसी भी काम को बिना डरे और घबराए प्रभावी तरीके से करते हैं।
सकारात्मक प्रशंसा
माता-पिता बच्चे की तारीफ करते यह समझ नहीं पाते कि वह किस तरह से उनती प्रशंसा कर रहे हैं और उसका बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ेगा। पेरैंट्स को हमेशा बच्चे की सकारात्मक प्रशंसा करनी चाहिए जैसे- बच्चा किसी खिलौने को या साइकल को बिना खराब किए उससे खेलता है या चलाता है। ऐसी स्थिति में माता-पिता को यह कहना चाहिए कि खिलौने के साथ अच्छे से खेलने के लिए मुझे आप पर गर्व है।
बच्चों को दें सरप्राइज
सरप्राइज और गिफ्ट्स किसे नहीं पसंद। बच्चे खासकर इसकी इच्छा रखते हैं। माता-पिता को चाहिए कि जब भी बच्चा कोई अच्छा काम करे तो वे उसे गिफ्ट दें। बच्चों को अगर उनका मनपसंद खिलौना, चॉकलेट या फिर किसी पिकनिक स्पॉट पर घुमाने ले जाएंगे तो वे बहुत खुश होते हैं।
उपलब्धि नहीं प्रयास की करें तारीफ
पेरैंट्स बच्चे की तारीफ करते समय हमेशा ध्यान रखें कि वे उनके प्रयास की प्रशंसा करें उपलब्धि की नहीं। जैसे-बच्चा किसी कॉम्पीटिशन जीतता है तो उनके द्वारा हासिल किए गए पुरस्कार पर गर्व करने की जगह उसके द्वारा किए गए प्रयास पर उसे प्राऊड फील कराएं। इससे बच्चे में यह समझ विकसित होगी कि परिणाम से ज्यादा प्रयास का महत्व होता है।