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'गोलियों के निशान, बेगुनाह लोगों की मौत...', जलियांवाला बाग से जुड़ी ये बातें दहला देंगी दिल

  • Edited By palak,
  • Updated: 13 Apr, 2024 01:43 PM
'गोलियों के निशान, बेगुनाह लोगों की मौत...', जलियांवाला बाग से जुड़ी ये बातें दहला देंगी दिल

13 अप्रैल का दिन इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज किया गया है। आज ही के दिन जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। साल 1919 में अमृतसर में हुई गोलाबारी में हजारों लोग मारे गए थे। इस दिन अंग्रेजों के अफसर जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलवा दी थी जिसमें 1,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे और 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।  इस घटना को अमृतसर हत्याकांड दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं इस दिन से जुड़ी खास बातें और इसकी खासियत बताते हैं।

बैसाखी वाले दिन हुआ था हत्याकांड 

जलियांवाला बाग में जब यह हत्याकांड हुआ था उस दिन रॉलेट एक्ट के विरोध में एक सभा हो रही थी। इसी दिन बैसाखी भी थी। बैसाखी वाले दिन जहां पर मेला भी लगता था जिसे देखने कई लोग पहुंचे थे। उसी समय ब्रिटिश ऑफिसर जनरल रेजिनैल्ड डायर अपने 90 सैनिकों के साथ वहां पहुंच गया और सैनिक बिना किसी चेतावनी के लोगों पर गोलियां चलानी शुरु कर दी। 

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10 मिनट तक बरसी गोलियां 

जनरल डायर के आदेश के बाद ब्रिटिश आर्मी ने बिना रुके करीबन 10 मिनट तक गोलियां बरसाई। इस घटना में करीबन 1650 के राउंड फायरिंग हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि जब गोलियां खत्म हुई तभी उनके हाथ रुके थे। इस दौरान कई लोग जान बचाने के लिए बाग में बने कुएं में कूद गए। इस कुएं को आज शहीदी कुआं के नाम से जाना जाता है। यह कुआं आज उन मासूमों को याद दिलवाता है जिन्होंने अंग्रेजों के हाथों अपनी जान गवां दी थी।

अट्रैक्शन पाइंट के तौर पर उभरा है जलियांवाला बाग

उस काले दिन के बाद से अब जलियांवाला बाग को एक शहीदी स्मारक के तौर पर देखा जाता है। हालांकि कुछ साल में इसमें कई तरह के बदलाव आए हैं। अब यह एक शहादत स्मारक होने के अलावा एक टूरिस्ट स्पॉट और नाइट अट्रैक्शन पाइंट के तौर पर भी उभरा है। 

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 यहां पर आने वाले लोगों को दिन में ही बल्कि रात में भी घूमने का मौका और इससे जुड़े जानकारी हासिल करने का मौका मिलता है। इस बाग में म्यूजिकल फाउंटेन, 4 गैलरीज, स्पेशल इफेक्ट्स लाइटिग, थ्री-डी थिएटर भी शुरु हो चुके हैं। 

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इसके अलावा यहां मौजूद बाग में ज्योति लाइट भी लगाई गई है। सैलानियों के लिए लाइट एंड साउंड प्रोग्राम अंग्रेजी, हिंदी और पंजाबी में होता है। इसके अलावा विजिटर गैलरी में सैलानियों के लिए एसी की सुविधा भी की गई है। 

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