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'पत्नी के प्रेमी की कॉल ड‍िटेल नहीं मांग सकता पति, हर नागरिक को अपनी रक्षा करने का अधिकार'

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 23 Dec, 2022 03:50 PM
'पत्नी के प्रेमी की कॉल ड‍िटेल नहीं मांग सकता पति, हर नागरिक को अपनी रक्षा करने का अधिकार'

वैवाहिक विवाद से जुड़े एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट का मानना है कि पत्नी के प्रेमी के फोन की जानकारी मांगना निजता का उल्लंघन है, ऐसे में किसी तीसरे पक्ष की प्राइवेसी का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दे सकते। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एक  परिवार अदालत के कॉल ड‍िटेल मांगने के आदेश को भी निरस्त कर दिया है।

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फैमिली कोर्ट के आदेश को किया रद्द

कर्नाटक हाई कोर्ट ने  उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को एक दंपति के वैवाहिक मामले में तीसरे शख्स की कॉल डिटेल और मोबाइल टॉवर का ब्योरा जमा करने के लिए कहा गया था। 'तीसरे पक्ष' की याचिका पर जस्‍ट‍िस एम नागप्रसन्न ने फैसला सुनाते हुए कहा- पति की इस दलील पर कि वह याचिकाकर्ता और अपनी पत्नी के बीच अवैध संबंध साबित करना चाहता है, तीसरे पक्ष की निजता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। 

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दंपति के बीच चल रहा है विवाद

दरअसल बेंगलुरु के एक दंपति के बीच 2018 से परिवार अदालत में वैवाहिक मामला चल रहा था। अदालत ने 28 फरवरी, 2019 को अन्य व्यक्ति का मोबाइल टॉवर रिकॉर्ड ब्‍योरा तलब करने की अनुमति दी थी। पति ने आरोप लगाया था कि यह तीसरा पक्ष उसकी पत्नी का प्रेमी है और वह इसे मोबाइल टॉवर से उसके (तीसरे पक्ष) मोबाइल नंबर के ब्योरे के जरिए साबित करना चाहता है। 

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मोबाइल का रिकॉर्ड देने का आदेश गलत: हाई कोर्ट

इसे तीसरे पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसने 2019 में परिवार अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने 30 नवंबर, 2022 को याचिका का निस्तारण कर दिया। इसे मामले काे लेकर हाई कोर्ट ने कहा- 'हर नागरिक को अपनी, अपने परिवार, विवाह और अन्य जुड़े हुए संबंधों की गोपनीयता की रक्षा करने का अधिकार है. सूचनात्मक गोपनीयता भी निजता के अधिकार का एक अभिन्न अंग है। इसलिए, फैमिली कोर्ट ने जो मोबाइल का रिकॉर्ड देने का आदेश दिया है, वह निस्संदेह सूचनात्मक गोपनीयता का उल्लंघन करता है.'। 
 

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