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आरोपों में फंसी बच्चन फैमिली! आखिर क्या है ये 'पनामा पेपर लीक' मामला?

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 21 Dec, 2021 09:04 AM
आरोपों में फंसी बच्चन फैमिली! आखिर क्या है ये 'पनामा पेपर लीक' मामला?

बच्चन फैमिली के सितारे इन दिनों गर्दिश में लग रहे हैं। पनामा पेपर्स लीक मामले में ईडी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस व विश्व सुंदरी रहीं ऐश्वर्या राय बच्चन समन भेजा गया था। पूछताछ के लिए बुलाया जिसके बाद एश्वर्या ईडी के दिल्ली दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंची। इसी मामले में ईडी ने उनके पति अभिषेक बच्चन को भी समन भेजा था। सूत्रों के मुताबिक ED के अधिकारियों ने ऐश्वर्या से पूछने वाले सवालों की लिस्ट तैयार कर ली है। हालांकि ऐश्वर्या राय ने पहले भी इन दस्तावेजों को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा करार दिया है। 

इससे पहले भी ऐश्वर्या को दो बार पहले भी बुलाया गया था लेकिन दोनों ही बार एश्वर्या ने नोटिस को स्थगित करने की गुजारिश की थी और ये गुजारिश उन्होंने पनामा पेपर्स लीक की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम के समक्ष की थी।

बता दें कि ये समन ईडी ने ऐश्वर्या को फेमा के मामले में किया था जो कि 9 नवंबर को  बच्चन परिवार के आवास पर भेजा गया था और 15 दिन में इसका जवाब मांगा गया था। ऐश्वर्या ने ईमेल के जरिए ईडी को जवाब दिया था। सिर्फ ऐश्वर्या नहीं बल्कि उनके ससुर अमिताभ बच्चन का नाम भी इसी मामले में शामिल है। दावा किया गया था कि  ऐश्वर्या राय देश से बाहर एक कंपनी की डायरेक्टर और शेयरहोल्डर थीं। ऐश्वर्या के अलावा उनके पिता के. राय, मां वृंदा राय और भाई आदित्य राय भी कंपनी में उनके पार्टनर थे।

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बच्चन परिवार पर 4 शेल कंपनियां बनाकर कर बचाने का आरोप है। ईडी इसके पहले ऐश्वर्या के पति अभिषेक बच्चन का बयान दर्ज कर चुका है लेकिन ये पनामा पेपर लीक मामला है क्या क्या आप इस मामले के बारे में जानते हैं क्योंकि बहुत से लोगों को इस मामले से जुड़ी कम जानकारी है तो चलिए आपको पनामा पेपर लीक मामले के बारे में बताते हैं। 

क्या है पनामा पेपर्स लीक मामला?

टैक्स हेवेन कहे जाने वाले देश पनामा की एक लॉ फर्म मोसेक फोंसेका (Mossack Fonseca) के लीगल दस्तावेज 3 अप्रैल, 2016 को लीक हुए थे। डेटा जर्मन न्यूजपेपर (Süddeutsche Zeitung (SZ) ने पनामा पेपर्स के नाम से 3 अप्रैल 2016 को रिलीज किया था। जिसके बाद इस मामले का नाम पड़ा पनामा पेपर्स लीक मामला। इन लीगल दस्तावेजों पर 1977 से 2015 के अंत तक करीब 40 साल के डेटा की जानकारी दी गई थी। इस मामले के जरिए ही खुलासा हुआ कि कैसे दुनियाभर के अमीर और प्रभावशाली लोग टैक्स बचाने के लिए पैसा ऑफ-शोर कंपनियों में लगा रहे हैं। इस तरह से बड़े तौर पर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग तक हो रही थी। इसमें भारत समय करीब 200 देशों के राजनेता, बिजनेसमैन, सेलिब्रिटी के नाम शामिल हैं। इन दस्तावेजों में फिल्मी सितारों और उद्योगपतियों सहित 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ऐश्वर्या, अमिताभ बच्चन, देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे, भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, मोस्ट वान्टेड क्रिमिनिल इकबाल मिर्ची का नाम भी इसमें शामिल था। इन सभी लोगों पर टैक्स धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। इस मामले में नाम सामने आने के बाद अमिताभ बच्चन ने कहा था कि उन्होंने भारतीय नियमों के तहत ही विदेश में धन भेजा है। उन्होंने पनामा पेपर्स में सामने आई कंपनियों से भी किसी तरह का संबंध होने से मना किया था। 

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कैसे लीक हुए पनामा पेपर्स?

कुछ वर्ष पहले किसी अनजान और गुमनाम व्यक्ति ने एक जर्मन समाचार एसज़ेड से संपर्क बनाया था और इसी ने सभी इस ऑफशोर लॉ फर्म से आतंरिक गोपनीय दस्तावेज़ निकाल कर इस समाचार पत्र के हवाले कर दिए थे। यह सारी गुप्त जानकारियां दुनियाभर की मीडिया में फैल गईं। इसके अंतर्गत देश विदेश के कई बड़े-बड़े नाम शामिल हैं, जिसका खुलासा धीरे धीरे हो रहा है।

मोस्सैक फोंसेका फर्म क्या है?

पनामा की एक लॉ फर्म मोस्सैक फोंसेका, दुनियाभर में अपनी शैल कंपनियां बेचती हैं। आई.सी.आई.जे. (इंटरनेशनल कंसोर्सियम ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म) के अनुसार, यह संस्था अपने क्लाइंट, ड्रग डीलर, माफिया, भ्रष्ट राजनेता और टैक्स छिपाने वाले लोगों के लिए एक दरवान का काम करती है। जब यह कंपनी ऑफशोर कंपनियों के बेचने के लिए उतरी थी, तब यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी थी।

इतिहास की बात करें तो मोस्सैक फोंसेका कंपनी की स्थापना वर्ष 1977 में जुरगेन मोस्साक और रोमन फोन्सेका ने की थी। इसके 500 से अधिक कर्मचारी पूरे विश्व में 40 कार्यालयों में फैले हुए हैं। यह लगभग 3 लाख कंपनियों के लिए कार्य करती है और उसमें सबसे अधिक कंपनी ब्रिटेन में है या उसके आयकर के अंतर्गत आते हैं।

शेल कंपनियां क्या होती हैं?

शेल कंपनियां,  सिर्फ पैसे का प्रबंधन करती है। पैसा किसका है, यह इस जानकारी को भी गुप्त रखती हैं। कंपनियों के प्रबंधन में वकील, अकाउंटेंट और यहां तक की दफ्तर के सफाईकर्मी भी शामिल कर लिए जाते हैं। वह कागजात पर दस्तखत करने और लेटरहेड पर अपना नाम दर्ज करने की इजाजत देने के अलावा कुछ काम नहीं करते हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने इसकी गहराई से जांच के आदेश दिए थे। बताया जाता है कि सेल कंपनियों के जरिए 20 हजार करोड़ रुपए का कर चोरी हुआ है।

इस तरह पनामा पेपर्स लीक का मामला  सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था और केंद्र सरकार  ने इस मामले में मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) का गठन किया था। इनमें CBDT, RBI, ED और FIU को शामिल किया गया था। MAG सभी नामों की जांच कर इसकी रिपोर्ट,  काले धन के जांच के लिए बनी SIT और केंद्र सरकार को दे रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने कहा था कि वह इसकी गहराई से जांच करेगी। बताया जाता है कि शेल कंपनियों के जरिए 20 हजार करोड़ रुपए का कर चोरी हुआ है।

इस तरह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुए बड़े बड़े भ्रष्टाचारों में ये भी एक शामिल है। मनी लॉन्ड्रिंग के अंतर्गत कई बड़ी बड़ी हस्तियों के काले शान को सफ़ेद किया जा रहा था। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम  भी इस लीक में शामिल है।

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