हर महीने आने वाले पीरियड्स के दौरान तमाम महिलाओं को कैम्प्स (Cramps), पैरों-कमर में दर्द, उल्टी, गैस आदि कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैवी ब्लीडिंग की समस्या भी इन परेशानियों का हिस्सा है। हैवी ब्लीडिंग की समस्या को मेडिकल भाषा में मेनोरेजिया (Mnorrhagia) कहा जाता है। मेनोरेजिया में कई बार पीरियड्स के दौरान काफी बड़े आकार के ब्लड क्लॉट्स (Clots) भी आते हैं। ऐसे में काफी तेज दर्द तो होता ही है, साथ ही अन्य काम करने में भी परेशानी आती है।
हैवी ब्लीडिंग होने पर फीमेल्स को कई बार पैड बदलने की जरूरत होती है। अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखेंगी, तो उनका स्वास्थ्य और भी बिगड़ सकता है। इसलिए महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए पीरियड्स के दौरान कुछ आदतों को जरूर अपनाना चाहिए। आइए इनके बारे में जानते हैं।
समय पर करें पेड को चेंज
पीरियड्स के दौरान शरीर से गंदा खुन निकलता है और शरीर कई प्रकार के संक्रमण के प्रति अति संवेदशील हो जाता है। ऐसे में ज्यादा देर तक एक ही पैड के इस्तेमाल से जननांगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इन दिक्कतों से बचे रहने के लिए सैनिटरी पैड हर 3-4 घंटों में पैड को जरूर बदलें।
अंडर गारमेंट्स को रखें साफ
इस बात का खयाल रखें कि पीरिड्स से आपके अडंर गारमेंट्स गंदे न हों। अगर आपके इनर वियर में जरा सा भी स्पॉट आता है, तो इसे नजरअंदाज न करें, फौरन बदल लें। वरना बैक्टीरिया पनपने का डर रहता है। कई लोगों की धारणा होती है कि पीरियड्स के शुरुआती दो दिनों में नहीं नहाना चाहिए, इससे पेट में सूजन बढ़ती है। लेकिन ये धारणा गलत है। पीरियड्स में तो हाइजीन का सबसे ज्यादा खयाल रखने की जरूरत होती है। इसलिए नहाना जरुरी है। अगर सूजन का संदेह मन में है, तो गुनगुने पानी से नहा सकती हैं।
प्राइवेट पार्ट को रखें साफ
पैड हटाने के बाद भी अक्सर बैक्टीरिया शरीर से चिपके रहते हैं। ज्यादातर लोग कैमिकल युक्त उत्पादों को जननांगों की साफ-सफाई के लिए प्रयोग में लाते रहते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं मानते हैं। हर बार पैड हटाने के बाद पानी से अच्छी तरह प्राइवेट पार्ट की सफाई करें।
खुद को रखें हाइड्रेटेड
पीरियड्स के दौरान आपका पीएच लेवल भी बढ़ सकता है, इसे कंट्रोल में रखने के लिए समय-समय पर पानी पीते रहना बहुत आवश्यक माना जाता है। पानी पीते रहने से संक्रमण के खतरे को भी कम किया जा सकता है, साथ ही यह आपको डिहाइड्रेशन से भी बचाता है।
पैड को करें सही तरह से डिस्पोज
पैड को डिस्पोज करना आवश्यक होता है। पैड को अच्छी तरह से कागज में लपेटकर ही कूड़ेदान में डालें और फिर हाथों को साफ करना न भूलें। उपयोग किए गए पैड को खुले में फेंकने से कीटाणुओं और बीमारियों के फैलने का खतरा हो सकता है। पैड को टॉयलेट में फ्लश न करें।