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बच्चों को उम्र के हिसाब से कितना सोना चाहिए? जानिए कम नींद से होने वाले खतरे

  • Edited By Monika,
  • Updated: 28 Nov, 2025 05:23 PM
बच्चों को उम्र के हिसाब से कितना सोना चाहिए? जानिए कम नींद से होने वाले खतरे

नारी डेस्क : बच्चों की सही नींद उनके शारीरिक, मानसिक और इमोशनल विकास के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन आज के समय में पढ़ाई, मोबाइल, टीवी, और गेम्स की वजह से बच्चे अक्सर पर्याप्त नींद नहीं ले पाते। बच्चों में नींद की कमी से उनके स्वास्थ्य और परफॉर्मेंस पर गंभीर असर पड़ सकता है। आइए जानते हैं बच्चों को उम्र के हिसाब से कितनी नींद जरूरी है और कम सोने के क्या नुकसान हैं।

बच्चों को उम्र के हिसाब से नींद कितनी जरूरी है?

नींद बच्चों के लिए सिर्फ आराम नहीं बल्कि शरीर और मस्तिष्क के विकास का अहम हिस्सा है। नींद पूरी न होने पर बच्चे थके हुए, चिड़चिड़े और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ हो सकते हैं।

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सुझाई गई नींद की अवधि (उम्र के अनुसार)

शिशु (0–3 महीने): 14–17 घंटे
शिशु (4–11 महीने): 12–15 घंटे
बच्चे (1–2 साल): 11–14 घंटे
बच्चे (3–5 साल): 10–13 घंटे
बच्चे (6–13 साल): 9–11 घंटे
किशोर (14–17 साल): 8–10 घंटे
युवा (18–25 साल): 7–9 घंटे

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कम नींद से क्या-क्या हो सकता है?

ध्यान और पढ़ाई पर असरबच्चों में नींद की कमी से उनकी याददाश्त और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। पढ़ाई में मन नहीं लगता और स्कूल या कॉलेज में परफॉर्मेंस गिर सकता है।

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स्वास्थ्य समस्याएं: नींद की कमी से बच्चों में मोटापा, डायबिटीज, और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर: थकान और नींद की कमी से बच्चे चिड़चिड़े और असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। लंबे समय तक कम नींद से चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं।

इम्यूनिटी कमजोर होना: पर्याप्त नींद न मिलने पर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इस वजह से बच्चे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

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बच्चों को पर्याप्त नींद दिलाने के उपाय

स्लीप रूटीन बनाएं: बच्चों को रोज़ाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।
स्क्रीन टाइम कम करें: सोने से 1–2 घंटे पहले मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर का इस्तेमाल बंद कर दें।
आरामदायक वातावरण: बेडरूम शांत, अंधेरा और ठंडा रखें ताकि नींद आसानी से आए।
आरामदेह डिनर: सोने से पहले भारी भोजन या ज्यादा मीठा खाने से बचें।
फिजिकल एक्टिविटी: दिन में खेल और हल्की कसरत करने से बच्चे जल्दी और गहरी नींद लेते हैं।

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बच्चों की नींद उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उम्र के अनुसार पर्याप्त नींद न मिलने पर उनका स्वास्थ्य, पढ़ाई और व्यवहार प्रभावित हो सकता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों की नींद पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें एक नियमित और संतुलित स्लीप रूटीन दिलाना चाहिए।
 

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