सर्दियों में नहाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। लेकिन क्या आपको पता है कि नहाने का तरीका हमारे हृदय की सेहत तय करता है। कई लोग ऐसे होते हैं जो कड़ाके की ठंड में भी ठंडे पानी से नहा लेते हैं जो खतरनाक हो सकता है। वहीं कुछ लोग ठंड में बहुत गर्म पानी से नहाते हैं और ये भी हमारे हृदय के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ठंड के कारण हमारी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और रक्तचाप बढ़ जाता है। इससे हमारे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। ऐसे में ठंडे या गर्म पानी से नहाना खतरनाक हो सकता है।
गुनगुने पानी से नहाना है सुरक्षित
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गुनगुना पानी हमारे शरीर को अचानक झटका नहीं देता और ये शरीर के तापमान को बनाए रखता है। वास्तव में, गुनगुना पानी शरीर के तापमान को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है।
सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा
सर्दियों में जब हम ठंडे पानी के संपर्क में आते हैं तो पूरा शरीर कांप उठता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 'जब हम ठंडे पानी के संपर्क में आते हैं तो हमारा शरीर ऐसे प्रतिक्रिया देता है जैसे कि ये कोई इमर्जेंसी है। ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है और हमारा हृदय भी बाकी अंगों की सुरक्षा के लिए तेजी से रक्त को पंप करने लगता है। ऐसे आपातकालीन समय में हृदय त्वचा के पास ब्लड का सर्कुलेशन रोक देता है जिससे हम कांपने लगते हैं, और जब हम कांपते हैं तो ये हृदय पर और अधिक दबाव डालता है।
वहीं, कई शोध में ये खुलासा हुआ है कि सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने से मेटाबॉलिज्म, रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। इस बात को ध्यान में रखकर कई फिटनेस फ्रीक लोग सर्दियों में ठंडे पानी से नहाते हैं लेकिन वो ये बात भूल जाते हैं कि इस तरह के परीक्षणों में पूरी तरह से फिट लोग शामिल होते हैं जिन्हें किसी तरह की बीमारी नहीं होती। इसी तरह ठंड के दिनों में अचानक गर्म पानी से नहाने से ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट आ सकती है जिससे हृदय पर तनाव बढ़ जाता है। इसलिए सर्दियों ने नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। नहाने की शुरुआत अपने पैरों को धोने से करें और नहाने के तुरंत बाद शरीर पर टॉवेट लपेटें।
सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए क्या करें?
सर्दियों में हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए हल्का भोजन करना चाहिए, पर्याप्त ऊनी कपड़े पहनने चाहिए. व्यायाम करना चाहिए और अगर किसी तरह की बीमारी है तो नियमित दवा लेनी चाहिए। कभी-कभी ऐसे मौसम में हाई बीपी के मरीजों को दवा की अधिक खुराक की जरूरत होती है।इसलिए हृदय रोग विशेषज्ञ से नियमित सलाह लेते रहें।