बरसाती मौसम में नमी के चलते बैक्टीरिया इतनी तेजी से पनपते हैं कि कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। महिलाओं को इसी मौसम में प्राइवेट पार्ट से जुड़ी इंफेक्शन होती है। आपने सुना होगा कि उन्हेंं इस मौसम में योनि व उसके आस-पास खुजली, जलन, रेशेज और यूरिन लगने की समस्या हो जाती है जो यूटीआई इंफेक्शन के चलते भी हो सकती है। पुरुषों के मुकाबले ये समस्या ज्यादातर महिलाओं को ही होती है वो भी खासकर मानसून के दिनों में। वैसे तो इसका इलाज आम और संभव है लेकिन अगर आप लापरवाही बरत रही हैं तो दिक्कत बढ़ सकती है और इससे महिला को कंसीव करने में भी परेशानी आ सकती है और किडनी इंफेक्शन भी हो सकता है।
इसलिए लक्षणों को इग्नोर करने की बजाए इस और ध्यान दें
आपको योनि में खुजली, जलन हो रही है
यूरिन पास करते दर्द -सनसनाहट और बार-बार यूरिन आता है।
पेट के निचले हिस्से में दर्द
हल्का बुखार थकान और कमजोरी महसूस होती है
यूरिन का रंग मटमैला हो गया है।
अगर इंफेक्शन, ब्लैडर में ऊपर जाकर किडनी तक पहुंच गया है तो भी सूजन और जलन हो सकती है। वहीं कई बार योनि व आसपास के एरिया में खुजली की समस्या भी बढ़ जाती है।
अगर इस तरह के लक्षण आपको दिखाई दे रहे हैं तो डाक्टरी जांच समय पर करवाएं। एंटीबायोटिक्स के जरिए आसानी से उपचार हो सकता है।
खाने पीने और कुछ देसी उपचारों की मदद से भी इस बीमारी से आसानी से बचा जा सकता है। इसके कई प्राकृतिक इलाज भी हैं। आप अब एक फल को भी खा लेंगे तो इस इंफेक्शन से बच जाएंगे। जी हां, वो फल है क्रैनबेरीज।
बोस्टन यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, एक गिलास क्रैनबेरी का जूस पीना, उन्हें भरपूर मात्रा में खाना या रोज़ाना सप्लीमेंट के रूप में लेना यूटीआई इंफेक्शन को ठीक करने में बेहद मददगार है। बता दें कि क्रैनबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो बैक्टीरिया को बढ़ने नहीं देते। इसी के साथ यह सूजन और इन्फ्लामेशन को कम करती हैं।
इसके अलावा लिक्विड डाइट ज्यादा लें, जैसे- पानी, जूस सूप आदि खूब पीएं ताकि यूरिन के रास्ते आपका इंफेक्शन बाहर निकलता रहे। इसके अलावा मौसमी फल ज्यादा से ज्यादा खाएं और यूरिन को रोककर ना रखें। नारियल पानी जरूर पीएं और लहसुन का सेवन जरूर करें।
इन बातों का भी रखें ध्यान
बारिश के मौसम में प्राइवेट पार्ट को गंदा ना छोड़ें। साफ सफाई के साथ इसे सूखा भी रखें।
पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान दें। 4 घंटे के भीतर पैड बदल लें।
कॉटन के अंडरवियर पहनें। नायलॉन की पैंटी से रेशेज और खुजली हो सकती है।
साबुन की बजाए इंटीमेट वॉश का इस्तेमाल करें।
अगर इसके बावजूद आपको फर्क नहीं दिखाई दे रहा तो विशेषज्ञ की सलाह लेना ना भूलें।