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कमजोरी काे बनाया ताकतः जन्म से पैर नहीं, फिर भी कमाल का जिमनास्ट करती हैं नन्हीं Paige

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Oct, 2021 01:03 PM
कमजोरी काे बनाया ताकतः जन्म से पैर नहीं, फिर भी कमाल का जिमनास्ट करती हैं नन्हीं Paige

कहते हैं कि कमजोरी शरीर से नहीं बल्कि दिमाग से होती है। इस कहावत को सच कर दिखाया है 8 साल की नन्हीं पेज कैलेंडाइन ने , जिनके दोनों पैर नहीं है लेकिन अपने जिमनास्ट पर अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों को मात दे सकती हैं। पेज दूसरे खिलाड़ियों से अलग है क्योंकि जन्म से ही उनके दोनों पैर नहीं है लेकिन बावजूद इसके वह जिमनास्ट करती हैं। चलिए आपको बताते हैं पेज के हौंसले व हिम्मत की कहानी...

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कौन है पेज कैलेंडाइन?

अमेरिका के ओहायो राज्य की रहने वाली 10 साल की बच्ची पेज कैलेंडाइन (Paige Calendine) दुनिया भर के यंग जिमनास्टों के लिए प्रेरणा बन गई है। वह बिना पैरों के पैदा हुई थी लेकिन उसकी दृढ़ता ने उसे जिम्नास्टिक में एक कुशल प्रतियोगी में बदल दिया।

18 महीने की उम्र से कर रहीं जिमनास्ट

महज 18 महीने की उम्र में वह खेलों में शामिल हो गईं। अब, उनके समर्पण और कड़ी मेहनत ने उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि उनकी विकलांगता महानता के मार्ग में कोई बाधा नहीं है। बता दें कि Paige कोच एस्तेर वेइबेल के मार्गदर्शन में Zanesville जिमनास्टिक टीम के साथ प्रशिक्षण लेती है।

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स्विंमिंग करना चाहती हैं पेज

पेज के पिता शॉन कैलेंडाइन ने कहा, "हमने 18 महीने की उम्र में पैगे को जिमनास्टिक में इसलिए डाला ताकि उसके ऊपरी शरीर की ताकत मजबूत हो लाचार नहीं... लेकिन उसने बहुत अच्छा किया और हम तब से इस पर काम कर रहे हैं। वह बस बेहतर और बेहतर हो जाती रही हैं।" पेज के पिता ने बताया कि "वह चीयरलीडिंग करना चाहती है, वह तैरना चाहती है। मगर, हम वास्तव में तीरंदाजी के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन यह सिर्फ इस बात पर निर्भर करता है कि क्या यह जिम्नास्टिक को प्रभावित करता है।"

नहीं करते उसे दिव्यांग की तरह से ट्रीट

उनके पेरेंट्स Sean और Heidi  ने बताया कि वो पेज को दिव्यांग की तरह से ट्रीट नहीं करते। ऐसा इसलिए किया ताकि क्योंकि उसके लिए दुनिया अलग होने वाली है और इससे उसे भविष्य को फेस करना आसान होगा।

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जी चुकी हैं कई मेडल

पेज ने बचपन से ही लगातार ट्रेनिंग ले रही हैं। वह गेम में ना सिर्फ खिलाड़ियों को इंस्पायर करती हैं बल्कि अब तक वो कई मेडल भी जीत चुकी हैं। नन्हीं पेज का कहना है, 'जिंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है। तुम बस कर सकते हो। कमजोरियों को ताकत बनाओ और खुद से लड़ते जाओ। बन गए आप एथलीट।' वह जिमनास्टिक के लिए आयोजित होने वाले आर्नोंल्ड स्पोर्ट्स फेस्टिवल में हिस्सा लेती रहती हैं।

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