टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने एक बार फिर से साबित कर दिया है, 'अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो सारी कायनात उसे तुम से मिलाने में लग जाती है'। ओलंपिक की शुरूआत में लगातार तीन बार मैच हारने के बावजूद भारतीय महिला हॉकी टीम ने हार नहीं मानी और उसके बाद अपनी जबरदस्त प्रफोर्मेंस से टुर्नामेंट में वापसी की।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो में इतिहास रचते हुए पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। टीम ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया यह इतिहास रचा है। बता दें कि इस टीम का यह सिर्फ तीसरा ओलंपिक है।
भारत की ओर से एकमात्र गोल करने वाली भारत के पंजाब की गुरजीत कौर ने किया है। ड्रैग फ्लिकर के तौर पर खेलने वाली गुरजीत कौर ने इसी के साथ अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है।
आपकों बतां दें कि गुरजीत कौर का हाॅकी से रिश्ता इतना आसान नही हैं उन्होंने इसे अपना करियर बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना किया है। आईए जानते हैं उनके बारे में-
हॉकी में करियर बनाने के लिए छोड़ दिया था घर
पंजाब की गुरजीत कौर के पिता सतनाम सिंह किसान हैं, वे गुरजीत और उनकी बड़ी बहन प्रदीप कौर को साइकिल से स्कूल ले जाते थे, इसके बाद उन्होंने घर से 70 किमी दूर तरन तारन स्थित बोर्डिंग स्कूल में दोनों बहनों को भेजा। यह हॉकी की पुरानी नर्सरी थी। ऐसे में दोनों बहनों ने हॉकी में करियर बनाने के लिए 2006 में घर छोड़ दिया जिसका नतीजा आज ओलंपिक में देखने को मिला।
ऐसे शुरू हुआ हाॅकी का सफर
25 साल की गुरजीत कौर को पहली बार 2014 में सीनियर भारतीय टीम के नेशनल कैंप गई। हालांकि वे 2017 से पहले टीम इंडिया की रेगुलर खिलाड़ी नहीं थी, उनके लिए 2017 का एशिया कप बड़ी उपलब्धि बन कर सामने आया और टीम ने टूर्नामेंट जीतकर वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया, गुरजीत कौर ने भारतीय टीम की ओर से सबसे अधिक 8 गोल किए, इसमें से 7 गोल तो उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर से किए थे, सेमीफाइनल में उन्होंने जापान के खिलाफ दो शानदार गोल कर टीम को फाइनल में पहुंचाया था।
हमारे लिए गर्व का दिन है, क्योंकि हम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र गोल कर सेमीफाइनल में टीम को पहुंचाने वाली खिलाड़ी गुरजीत कौर ने कहा कि यह सालों की मेहनत का परिणाम है। हम लंबे समय से कड़ी मेहनत कर रहे थे। पूरी टीम ने इसके लिए कड़ी मशक्कत की है। गुरजीत कौर ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का दिन है, क्योंकि हम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे हैं, हम अब अगले मैच की तैयारी के लिए जुटेंगे।
वहीं अब बतां दें कि भारतीय महिला टीम टोक्यो में सेमीफाइनल के लिए 4 अगस्त को अर्जेंटीना से भिड़ेगी. इससे पहले अर्जेंटीना ने पहले क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को हराया था।