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अनोखा मंदिर: यहां मूर्ति की नहीं बल्कि देवी शक्ति के हार की होती है पूजा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 17 Oct, 2018 11:32 AM
अनोखा मंदिर: यहां मूर्ति की नहीं बल्कि देवी शक्ति के हार की होती है पूजा

मध्य प्रदेश पुराने किले, कल्चर, इतिहास और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां उज्‍जैन और ओंकारेश्‍वर जैसे भगवान शिव के तीर्थ स्‍थल के अलावा एक ऐसा मंदिर भी है जहां देवी के गले के हार की पूजा की जाती है। मैहर गांव के पहाड़ों में बने इस प्राचीन मंदिर में जाने के लिए आपको 1600 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे मे कुछ और खास बातें।

 

मंदिर की खासियत
ऐसी मान्‍यता है कि जब देवी शक्ति के जले हुए शरीर को लेकर भगवान शिव बेसुध होकर घूम रहे थे तब भगवान विष्‍णु ने अपने चक्र से देवी शक्ति के शरीर से कई हिस्‍सों में विभाजित कर दिया। तब ही देवी जी का हार इस जगह पर गिरा और तभी ये यहां उनके हार की पूजा की जाने लगी।

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दर्शन करने का सही वक्‍त
देवी जी कें मंदिर जाने के लिए बेस्‍ट टाइम होता है अर्ली मॉर्निंग क्‍योंकि इस वक्‍त भीड़ कुछ कम होती है। देवी जी का मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है लेकिन लोग रात से ही मंदिर इक्‍ट्ठा होने लगते हैं खासकर नवरात्रि में। आप अगर सीढि़यों से जाना चाहते हैं तो आपको 2 घंटे लगगें। वहीं आप रोपवे से भी कुछ ही मिनटों में ऊपर मंदिर तक जा सकते हैं।

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मैहर मंदिर का रहस्‍य
मैहर के देवी मंदिर को जब रात 10 बजे बंद किया जाता है। उससे पहले पंडित जी देवी पर चढ़े सारे फूलों को अलग कर देते हैं लेकिन सुबह जब मंदिर खुलता है तो मां के दरबार में हमेशा गुलाब का एक ताजा फूल चढ़ा मिलता है। मंदिर के इस रहस्‍य को आजतक कोई नहीं जान सकता है।

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