कोरोना से बचने के लिए आज सभी लोग अपने घरों में बैठे हैं। ऐसे में वे फैमिली के लिए ज्यादा समय स्पेंड कर रहें हैं। वैसे तो भारत में सभी कपल्स एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताकर इस समय का मजा उठा रहें हैं। मगर चाइना में कुछ कपल्स ऐसे भी हैं जो एक साथ घर रह कर तंग आ चुके हैं। इसके साथ ही अलग हो रहें हैं। ऐसे में ही नहीं चाहते कि भारत में 1 महीने तक एक साथ रहने पर कोई ऐसा सोचे।
ऐसे में अपने रिश्ते को बरकरार रखने के लिए सभी के पास प्लान 'ए' सभी के पास होता है। इसके साथ ही प्लान 'बी' का मतलब होता है दूसरों के टूटते रिश्ते को देख अपने रिश्ते को बिखरने से बचाना। मगर किसी सिचुएशन में प्लान 'ए' और 'बी' दोनों काम नहीं आते हैं। ऐसे में प्लान 'सी' को फॉलो करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अंग्रेजी के तीसरे अक्षर यानी 'C' से शुरू होने वाली ये तीन बातें रिश्ते को मजबूत और खुशहाल बनाने में मदद करती है। तो चलिए जानते हैं प्लान 'सी' के बारे में...
प्लान ‘सी’ का पहला स्टेप: कम्यूनिकेशन
कोई भी तभी मजबूत और खुशहाल रह सकता है जब उनमें कम्यूनिकेशन यानी बातचीत होती रहें। ऐसे में अगर कोई गलतफहमी हुई हो तो आप उसे सुलझा सकते हैं। इसके साथ सिर्फ बात करना ही जरूरी नहीं है। जब आप कई दिनों तक साथ रहेंगे तो एक-दूसरे के हाव-भाव भी समझे। अगर आपने ऐसा कर लिया तो समझ जाए कि रिश्ता मजबूत करने के लिए आपने पहला स्टेप पार कर लिया है।
प्लान ‘सी’ का दूसरा स्टेप: कॉम्प्रोमाइज़
शादीशुदा जिंदगी को स्ट्रांग बनाने के लिए कॉम्प्रोमाइज़ यानी समझौता करना बहुत जरूरी होता है। किसी चीज को लेकर दोनों की सहमति हो ऐसा जरूरी नहीं है। असल में असहमति रिश्ते को मजबूत बनाती है। मगर फैसला समझदारी से लिया जाना चाहिए। इसलिए बात को लेकर जिद्द करने की जगह समझौता करना सीखें। बात अगर कॉम्प्रोमाइज़ की करें तो इसका मतलब पीछे हटना या हार मानना नहीं है। इसका सही मतलब है कि रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आगे बढ़ना या नया ऑप्शन ढूंढ़ना। हालांकि कभी किसी परिस्थिति में अपना आत्मसम्मान भूल समझौता सही नहीं होता है। असल में आत्मसम्मान और ईगो में फर्क होता है।
आत्मसम्मान का मतलब नैतिक मूल्यों से होता है। इसके अलावा ईगो का संबंध अपने फैसले को दूसरे पर थोपने से होता है। ऐसे में रिश्ते को बिखरने से बचाने के लिए समझौता करना कुछ गलत नहीं है।
प्लान ‘सी’ का तीसरा स्टेप: कमिटमेंट
किसी भी रिश्ते में प्यार और खुशहाली बनाएं रखने के लिए कमिटमेंट यानी प्रतिबद्धता मुख्य रोल निभाता है। इसलिए दुख हो या सुख अपने पार्टनर का हर सिचुएशन में साथ देना चाहिए। इस समय जब सभी कपल्स अपने- अपने घरों में लॉकडाउन है तो ऐसे में इस सिचुएशन का मौका उठाएं। आपस में बात करें, नजदीकियां बढ़ाएं। पार्टनर से अपने प्लान शेयर करें और उनके भी सुनें। मगर ऐसा तभी हो पाएगा जब दोनों तरफ से कमिटमेंट वाले वैल्यू को अपनाएंगे। इसके साथ ही जब आप इस आइसोलेशन टाइम पीरियड के खत्म होने पर घर से बाहर जाएंगे तो आदर्श कपल बनकर उभरेंगे।