बच्चों को संभालने के लिए स्पेशल केयर की जरूरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स को उनके शारीरिक व मानसिक विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। मगर आज कल के लोग बच्चों को हर खुशी देने के लिए काम में अधिक बिजी रहते हैं। ऐसे में वे उनके साथ ज्यादा समय नहीं बीता पाते हैं। मगर इससे पेरेंट्स और बच्चों में बांडिंग कम होने लगती है। ऐसे में अगर आप भी इस समस्या से परेशान है तो आइए आज हम आपको कुछ टिप्स देते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे के साथ क्रिएटिव तरीके से क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। इससे आपको खुशी मिलने के साथ बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलेगी। तो चलिए जानते हैं उन क्रिएटिव आइडियाज के बारे में...
मार्निंग रूटीन करें सेट
कहते है कि अगर दिन की शुरूआत अच्छी होगी तो सारा दिन भी सही रहेगा। ऐसे में बच्चों के साथ मार्निंग रूटीन बनाएं। इसमें आप उनके साथ घर की सफाई करने के साथ छत या पार्क में घूमने जा सकते हैं। उनके साथ सैर या योगा करना भी सही रहेगा। इससे आपका और उनका मानसिक व शारीरिक विकास होने में मदद मिलेगी। साथ ही आप उनके साथ समय बीता पाएंगे।
गेम्स खेलना भी रहेगा सही
जैसे कि सभी जानते हैं कि बच्चों को खेलना सबसे ज्यादा पसंद होता है। ऐसे में आप उनके साथ गेम्स खेल कर अच्छा समय बीता सकते हैं। इसके लिए आप चाहे तो उनके लिए अलग-अलग गेम्स प्लान कर सकते हैं। ताकि उनका शारीरिक व मानसिक विकास होने में मदद मिलें।
एक्टिविटीज करें
छोटे बच्चों को हमेशा कुछ अलग व नया करना पसंद होता है। ऐसे में आप उन्हें हफ्ते में 3-4 एक्टिविटीज करवाएं। इसके लिए आप उन्हें पेंटिंग, होम डेकोरेशन, नो बेक कुकिंग आदि करवा सकते हैं। इसतरह वह नई-नई चीजों को करना भी सिखेगा। साथ ही उसे काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
बेडटाइम पर सुनाएं कहानी
वर्किंग पेरेंट्स बच्चों के लिए ज्यादा टाइम निकाल सकते हैं। ऐसे में ये लोग अपना रात का थोड़ा समय बच्चों के लिए निकालें। इसके लिए आप उन्हें बेडटाइम पर कहानियां सुनाएं। असल में, छोटे बच्चों को कल्पना से भरी चीजों के बारे में सुनना व जानने की रूचि होती है। ऐसे में आप उन्हें परियों, सुपरमैन आदि वाली कहानियां सुना सकते हैं। इससे बच्चों को अच्छी व गहरी नींद आने के साथ शारीरिक व मानसिक तौर पर बेहतर विकास होने में मदद मिलेगी। अगर आप का बच्चा 5 साल से बड़ा है तो आप उन्हें एक दिन कहानी सुना कर दूसरे दिन उनसे वहीं स्टोरी सुनें। असल में, बच्चे पढ़ने के साथ सुनने में भी जल्दी सीखते व याद रखते हैं। ऐसे में उनका दिमाग तेज होने में मदद मिलती है।