08 MAYWEDNESDAY2024 12:02:18 PM
Nari

मां शैलपुत्री को समर्पित है नवरात्रि का पहला दिन, यहां पढ़िए व्रत कथा और पूजा की विधि

  • Edited By palak,
  • Updated: 20 Mar, 2023 06:05 PM
मां शैलपुत्री को समर्पित है नवरात्रि का पहला दिन, यहां पढ़िए व्रत कथा और पूजा की विधि

चैत्र नवरात्रि इस बार 22 मार्च से शुरु होने वाले हैं। नौ दिन चलने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी है। मां के इस स्वरुप की पूजा करने से जीवन में स्थिरता बनी रहती है। देवी की कथा सुनने और विधि-विधान से पूजा करके आप मां का आशीर्वाद पा सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं मां शैलपुत्री की पूजा विधि और व्रत कथा... 

पूजा की विधि 

प्रथम नवरात्रि वाले दिन सुबह जल्दी उठकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद एक चौकी पर मां दुर्गा की प्रतिमा और कलश रखें। फिर मां शैल पुत्री का व्रत रखकर मां का ध्यान करें। देवी को सफेद फुल अर्पित करें। इसके बाद मां को सफेद कपड़े भी अर्पित करें। मां की कथा करें और इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। मां की आरती के साथ पूजा संपन्न करें। 

PunjabKesari

व्रत की कथा 

मां शैलपुत्री का वाहन बैल है। मान्यताओं के अनुसार, एक बार प्रजापति दक्ष जो कि मां सती के पिता थे उन्होंने यज्ञ किया और उसमें सब देवतगण आमंत्रित किए। सिर्फ भगवान शिव और सती को छोड़ उन्होंने सारे देवताओं को इस यज्ञ में आमंत्रण दिया परंतु मां सती बिना बुलाए ही यज्ञ में जाने के लिए तैयार हो गई। उन्हें भगवान शिव ने समझाया कि बिना बुलाए यज्ञ में जाना उचित नहीं है। परंतु फिर भी सती मांं नहीं मानी और उनकी जिद के आगे भगवान शिव को झुकना पड़ा। भगवान शिव ने मां सती को यज्ञ में जाने की अनुमति दे दी। सती बिना बुलाए पिता के घर यज्ञ में शामिल होने पहुंच गई। वहां पर मां सती के साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया गया। मां सती की मां को छोड़ बाकी सब ने उनके साथ गलत तरह से बात की। भाई, बहनें सब ने सती और उनके पति भगवान शिव का बहुत मजाक बनाया। इस तरह का कठोर व्यवहार और अपने पति का अपमान मां सती बर्दाशत नहीं कर पाई और उन्होंने खुद को उसी यज्ञ में भस्म कर लिया। जब यह बात भगवान शिव को पता चली तो उन्होंने अपने गणों को राजा दक्ष के यहां भेजककर यज्ञ विध्वंस करवा दिया जिसके बाद अगले जन्म में मां सती ने हिमालय की पुत्री के रुप में जन्म लिया। देवराज  हिमालय की पुत्री के घर जन्म लेने के बाद मां का नाम शैलपुत्री पड़ा।

  PunjabKesari   

सफेद चीज का लगाएं भोग 

मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत ही प्रिय है। ऐसे में मां की पूजा के लिए हमेशा सफेद फूल ही इस्तेमाल किए जाते हैं आप मां को सफेद रंग के वस्त्र भी अर्पित कर सकते हैं। आप मां को भोग के तौर पर सफेद रंग या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगा सकते हैं। 

PunjabKesari


 

Related News