मां -बाप पर बोझ ना होती है बेटियां, बेटो सा हर फर्ज़ निभाती है बेटियां... ऐसा ही कुछ फर्ज निभाया है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य की। रोहिणी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है, क्योंकि उन्होंने 70 वर्षीय पिता को गुर्दा दान कर उन्हें नई जिंदगी दे दी है। MBBS डिग्रीधारी रोहिणी के तीन छोटे बच्चे हैं इसके बावजूद उन्होंने ये कदम उठाकर मिसाल कायम कर दी है।
पिता के ऑपरेशन से पहले रोहिणी आचार्य ने कहा था कि- "मेरा मानना है कि यह केवल एक छोटा सा मांस का टुकड़ा है जो मैं अपने पिता को देना चाहती हूं। मैं पापा के लिए कुछ भी कर सकता हूं। आप सभी प्रार्थना करें कि सब कुछ ठीक हो जाए तथा पापा फिर से आएं और फिर से लोगों की आवाज उठाएं । लालू की छोटी बेटी रोहिणी पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने साल 2002 में अमेरिका बेस सॉफ्टवेयर इंजीनियर समरेश सिंह से शादी की थी।
हर पिता की तरह लालू यादव भी नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी किसी तरीके का कष्ट सहकर उन्हें किडनी डोनेट करे, लेकिन रोहिणी ने ठान लिया था कि वह अपने पिता को बचाने के लिए कुछ भी करेंगी। राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद के धुर विरोधी रहे केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस बहादुर बेटी की तारीफ में कहा-‘‘गर्व है आप पर…। आप उदाहरण होंगी आने वाले पीढ़ियों के लिए।
सर्जरी से पहले की अपनी और अपने पिता की तस्वीरों के साथ आचार्य ने अस्पताल से ट्वीट कर लिखा था, ‘‘रॉक एंड रोल के लिए तैयार। विश मी गुड लक''। दरअसल बहुचर्चित चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में जेल की सजा काट रहे लालू की सिर्फ किडनी ही खराब नहीं थी, बल्कि एक दर्जन से अधिक बीमारियों से ग्रसित थे। ऐसे में रोहिणी आचार्य ने अपने पिता के लिए किडनी देकर समाज के लिए नजीर बन गई हैं।