कोरोना काल के दौरान जहां डॉक्टर्स मोटी फीस लेकर मरीजों का इलाज करते दिखें, वहीं आंध्रप्रदेश की डॉक्टर नूरी गरीबों के लिए मसीहा बनकर सामने आईं। डॉक्टर नूरी अपने क्लीनिक में महज 10 रुपए में मरीजों का इलाज करती हैं। यहीं नहीं अस्पताल में बेड का खर्च भी प्रतिदिन का सिर्फ 50 रुपए हैं।
लोग प्यार से कहते हैं कडापा की मदर टेरेसा
फरवरी 2020 में उन्होंने कडापा में अपना क्लीनिक खोला। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उनका क्लीनिक बंद हो गया। कुछ दिन बाद उन्हें ऐहसास हुआ कि वह एक डॉक्टर हैं और अपने फर्ज से मुंह नहीं मोड़ सकती। उन्होंने फिर से अपना क्लीनिक खोला। अब उनका क्लीनिक मरीजों के लिए 24 घंटे खुला रहता है। उनके इस नेक काम की वजह से लोग उन्हें प्यार से कडापा की मदर टेरेसा कहते हैं।
विजयवाड़ा के सामान्य परिवार की लड़की
डॉक्टर नूरी आंध्रप्रदेश के विजयावाड़ा के एक ऐसे सामान्य परिवार से हैं जहां उनके माता-पिता ने तीन अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरीश की। उन्होंने कडापा के फातिमा इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस से एमबीबीएस किया है।
गरीबों के मदद के लिए खोला क्लीनिक
नूरी ने लोगों की मदद के लिए कडापा के गरीब बस्ती में अपना क्लीनिक खोला। नूरी बताती है कि इस बारे में उन्होंने अपने अम्मी-अब्बू को नहीं बताया। जब उनके इस नेक काम के बारे में उन्हें पता चला तो वे बेहद खुश हुए।
दादा की याद में बनाया चेरिटेबल ट्रस्ट
डॉक्टर नूरी ने अपने दादा की याद में एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया है। ट्रस्ट के माध्य से वह लोगों को दहेज और आत्महत्या के खिलाफ जागरूक करने के लिए डॉक्यूमेंट्री बनाती हैं।