कोरोना वायरस का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। जहां वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन पर लगातार काम कर रहे हैं वहीं इसे लेकर आए दिन नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट के मुताबिक, कहा जा रहा है कि कोरोना हवा से भी फैल रहा है। WHO ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कोरोना का संक्रमण हवा के जरिए भी फैल सकता है।
क्या सचमुच हवा से फैलता है वायरस?
वायरस फैलने की शुरूआत में कहा गया था कि वायरस हल्का होने की वजह से हवा में ज्यादा देर मौजूद नहीं रहता। एक्सपर्ट की मानें तो वायरस के ड्रॉपलेट्स खांसते या छींकते समय ही हवा में पहुंचते हैं, जो कुछ घंटों बाद ही जमीन पर गिर जाते हैं। वहीं, अगर बाहर धूप हो तो ड्रॉपलेट्स कुछ देर में ही सूख जाएंगे।
हवा में कैसे पहुंचता है कोरोना के कण?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कण संक्रमित व्यक्ति के थूकने, कफ, छींकने या बोलते समय मुंह से निकलने हवा में फैल जाते हैं। मगर, कोरोना के कण हल्के होने के कारण हवा में ज्यादा देर नहीं टिकते बल्कि 5 से 8 घंटे ही मौजूद रहते हैं। मगर, इस दौरान कोरोना के छोटे-छोटे लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
क्या छत पर जाना सुरक्षित है या नहीं?
अब हवा के जरिए कोरोना की बात सुन लोगों यह सोच रहे हैं कि घर से बाहर निकलना कितना सुरक्षित है। घर की छत पर जाना भी सुरक्षित है या नहीं। बता दें कि अगर आपके पास में कोरोना के अधिक मरीज है तो आप बाहर ना निकलें। अगर बाहर जा भी रहें है तो नियमों का ध्यान रखें।
किन जगहों पर अधिक खतरा?
जहां ह्यूमिडिटी ज्यादा या वेंटिलेशन बिल्कुल नहीं है, ऐसी जगहों पर वायरस के कण ज्यादा देर तक जिंदा रह सकते हैं। ऐसे में घर से बाहर या छत पर जाने से पहले अच्छी तरह देख लें, कि वहां कोरोना का कितना खतरा हो सकता है।
कैसे करें सुरक्षा?
कोरोना की वैक्सीन अभी तक बन नहीं पाई है ऐसे सेफ्टी ही वायरस से बचने का एकमात्र रास्ता है। मास्क लगाकर रखें, हाथों को बार-बार धोएं और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।