मां बनना किसी भी महिला के लिए एक बहुत सुखद अहसास होता है। लेकिन आजकल हॉस्पिटल के लेबर रूम में जिस तरह का महिलाओं के साथ बदसलूकी की जा रही है, वो उनके अहसास को निराशाजनक बना रहा है। जी हां, ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि कोलंबिया विश्वविद्यालय स्टडी में ये बात सामने आई है। इसमें कहा गया है कि दुनियाभर में प्रसव के समय हर 8 में से एक महिला लेवर रूम में दुर्व्यवहार का शिकार होती है। इसे 'लेबर रूम वॉयलेंस' भी कहा जाता है।
डॉक्टर करते हैं प्रसव के समय महिलाओं से अत्याचार
जामा नेटवर्क ओपन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार साल 2020 में पहली बार मां बनने वाली 13.4 फीसदी यानी हर 8 में से एक महिला ने कहा कि उन्होंने डॉक्टर्स द्वारा प्रसव के समय दुर्व्यवहार झेलना पड़ता है। इनमें सबसे आम शिकायतें प्रसव की पीड़ा के वक्त डॉक्टर्स द्वारा अनदेखा करना, मदद के अनुरोध के बाद भी बात न सुनना या समय पर जवाब न देना शामिल हैं। स्टडी में शामिल 4.1 फीसदी महिलाओं ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि प्रसव के वक्त डॉक्टर उनपर चिल्लाए या डांट भी लगाई। 2.3 फीसदी महिलाएं ने तो यहां तक कहा कि डॉक्टर ने उपचार रोकने की धमकी दी और जबरदस्ती अपनी बात भी मनवाई। पहली बार मां बनी 4,598 महिलाओं से पूछे गए सवालों पर ये स्टडी की गई।
अविवाहित महिलाओं को सहने पड़े ताने
वहीं स्टडी में ये भी पाया गया कि दुर्व्यवहार की शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं वो ही हैं जो अविवाहित थीं। उन्होंने कहा कि प्रसव के समय डॉक्टरों और स्टाफ ने उन्हें ताने दिए। इसके अलावा मेडितल बीमा पर प्रसव करवाने वाली महिलाएं, मोटापा की शिकार महिलाओं और मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं को सबसे ज्यादा दुर्व्यवहार सहना पड़ा।
क्या है लेबर रूम वायलेंस
लेबर रूम में जिंदगी और मौत से लड़ रही हर औरत मौखिक या शारीरिक उत्पीड़न का शिकार होती है जिसका उनके दिमाग पर गहरा असर पड़ता है और ये गलत है।