भगवान श्रीहरि का अतिप्रिय महीना मलमास आरंभ हो चुका है। इस महीने को अधिक मास, पुरुषोत्तम मास आदि नामों से भी जाना जाता है। इस महीने संक्रांति न होने से इसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पूरे महीने में भगवान विष्णु जी की सच्चे मन से पूजा व अर्चना करने से दोगुना फल मिलता है। मगर इस महीने में मांगलिक कार्य जैसे कि- शादी, गृह- प्रवेश व निर्माण, मुंडन, यज्ञ आदि कामों को करने में मनाही होती है। मगर कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा की प्राप्ति हो दोगुना फल मिलता है। तो चलिए जानते हैं उन शुभ कार्यों के बारे में...
विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र
मान्यता है कि यह महीने श्रीहरि का होना से शुभ माना जाता है। ऐसे में इस महीने में भगवान की पूजा करना बेहद शुभकारी होता है। मलमास व अधिकमास में सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस स्तोत्र का पाठ से कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होने में मदद मिलती है। इसतरह भगवान श्रीहरि अपने भक्तों के दुख दूर कर उनपर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं।
केसर का तिलक
मान्यता है कि इस पूरे महीने में सुबह उठकर कर, नहाकर और साफ कपड़े पहनकर श्रीहरि की पूजा व भक्ति करना शुभफलाई होता है। भगवान विष्णु जी की पूजा कर उन्हें केसर का तिलकर लगाकर फिर वहीं तिलक अपने माथे पर लगाना चाहिए। साथ ही खीर का भोग लगाए। इसके अलावा रोजाना सूर्य देव को जल चढ़ाने से भी लाभ मिलता है।
सत्य नारायण कथा
इस महीने में भगवान विष्णु जी की कृपा पाने के लिए सत्यनारायण की कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। यह महीना श्रीहरि का होने से पूजा- पाठ करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दौरान सच्चे मन से सत्यनारायण कथा का पाठ करने से दोगुना फल मिलता है।
भगवान शालिग्राम
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शालिग्राम को भगवान श्रीहरि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस महीने में इनके दर्शन व पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इनकी प्रतिमा को स्नान करवाने, सिर झुकाने व सच्चे मन से पूजा करने व कई यज्ञों के बराबर का पुण्य मिलता है। साथ ही इनका ध्यान, पूजा आदि करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
कन्या पूजन व दान-पुण्य
हर धर्म में दान- पूण्य करने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में इस मलमास में अपने सामर्थ्य के अनुसार दान- पुण्य करना चाहिए। इसके साथ ही कन्या पूजन करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि मलमास में दान, पुण्य, कन्या पूजन, व्रत व पूजा पाठ करना शुभफलदाई होता है।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP