हिंदू धर्म में हर महीना का अलग नाम व महत्व है। अब पौष मास समाप्त होकर माघ माह आरंभ हो गया है। यह शुभ मास 18 जनवरी से 16 फरवरी तक रहेगा। मान्यता है कि इस पवित्र महीने में देवी-देवताओं की पूजा करने से पुण्य, सुख, खुशी मिलती है। शास्त्रों में भी इस माह में कुछ खास उपाय व कार्य करने का वर्णन किया गया है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...
माघ मास का महत्व
पौराणिक कथा अनुसार माघ मास में गौतमऋषि ने इन्द्रलोक के राजा इन्द्रदेव को श्राप दिया था। क्षमा याचना मांगने पर गौतम ऋषि ने इंद्र देव को माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने की सलाह दी। फिर इन्द्रदेव ने माघ मास में गंगा स्नान करके अपने श्राप से मुक्ति पाई। इसलिए इस पवित्र मास की पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान करने का विशेष महत्व हैं।
इस मास पर करें ये कार्य...
सूर्यदेव को अर्घ्य दें
माघ मास में रोजाना नदी में स्नान करके भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य देव को जल चढ़ाते दौरान ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
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भगवान शिव की करें पूजा
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। भगवान जी को बिल्व पत्र, धूतरा चढ़ाकर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद मिठाई का भोग लगाकर दीपक और धूप जलाकर शिव जी की आरती है।
श्रीकृष्ण का करें अभिषेक
माघ के पवित्र महीने में भगवान विष्णु व कृष्णा जी का अभिषेक करने का खास महत्व है। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरकर भगवान का अभिषेक करके उनका पीले चमकीले वस्त्रों से श्रृंगार करें। फिर धूप और दीपक जलाकर ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र जाप करके आरती करें। दूध से बनी मिठाई में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान को भोग चढ़ाएं।
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रोजाना पूजा करें
माघ मास में रोजाना पूजा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली का वास होता है। देवी लक्ष्मी की कृपा होने से जीवन में पैसों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता है।
दान करें
ज्योतिष व वास्तु अनुसार, जरूरतमंद, गरीबों को दान देना बेहद शुभ होता है। ऐसे में आप माघ के पवित्र मास में बेसहारा व जरूरतमंदों को कंबल, अनाज, जूते-चप्पल व जरूरत का सामान दान करें।
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गायों की करें देखभाल
हिंदू धर्म में गायों को पूजनीय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, इसमें समस्त देवी-देवताओं का वास होता है। इसलिए आप भी भगवान जी असीम कृपा पाने के लिए गौशाला जाकर गायों को घास खिलाएं व उनकी देखभाल करें। इसके साथ ही अपने सामार्थ्य मुताबित दान भी जरूर करें।