माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष त्योहार पर देवी सरस्वती की पूजा की जाती है, जिन्हें हिंदू धर्म में ज्ञान की देवी के रूप में जाना जाता है। दक्षिणी भारत में इस पर्व को 'श्री पंचमी' भी कहा जाता है। इस बार बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी यानि शनिवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दौरान मां सरस्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। वहीं, इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है नहीं तो मां सरस्वती नाराज हो सकती है। चलिए आपको बताते हैं कि इस दिन किन कामों को करने से बचना चाहिए
सुबह स्नान जरूर करें
शास्त्रों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए कुछ भी नहीं खाना चाहिए इसलिए इस दिन स्नान कर भोजन करने से पहले मां सरस्वती की पूजा करें।
मां सरस्वती की पूजा जरूर करें
मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति को करियर और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है। विशेष रूप से नौकरी-पेशे, स्कूल-कॉलेज, संस्थान और कला के क्षेत्र से जुड़े लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं। लोग स्कूल, ऑफिस और घर में पूरे विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
इस रंग के कपड़े ना पहनें
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि यह मां सरस्वती का प्रिय रंग पीला है। मगर, इस दिन काले, लाल या गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
इन चीजों से बनाएं दूरी
बसंत पंचमी के दिन मांसाहारी भोजन से दूरी बनाकर रखें। इसकी बजाए इस दिन सात्विक भोजन करें।
किसी का अपमान ना करें
इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है इसलिए किसी को गाली या अपमान न करें। कोशिश करें और अपने दिमाग में जरा भी बुरे विचार न लाएं।
पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई ना करें
बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत का मौसम भी शुरू हो जाता है इसलिए इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई नहीं करनी चाहिए।
बसंत पंचमी के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल
. बसंत पंचमी का दिन हंसवाहिनी को समर्पित है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीली मिठाई और सफेद या पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए।
. छात्रों को बसंत पंचमी के दिन पुस्तकों का दान करना चाहिए। कहते हैं बसंत पंचमी के दिन दान करना बहुत फलदायी होता है।
. इस दिन झगड़ों से भी बचना चाहिए।
. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरूरी है।
. सुबह जल्दी स्नान करने के बाद देवी सरस्वती को पीले फूल चढ़ाएं।
. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र व किताबें रखें और बच्चों को भी पूजा स्थल पर बैठाना चाहिए।
. बच्चों को उपहार के रूप में एक किताब दें।
. इस दिन पीले चावल या पीले रंग का भोजन करें।