पीरियड्स, प्रेगनेंसी या मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को यीस्ट इंफैक्शन का सामना करना पड़ता है। कभी ना कभी हर 4 में से 3 महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। यीस्ट इंफैक्शन को डॉक्टरी भाषा में वैजाइनल क्रश भी कहते हैं।
क्या होता है यीस्ट इंफेक्शन?
यीस्ट इंफेक्शन प्राइवेट पार्ट में होने वाला एक तरह का संक्रमण है, जो प्राइवेट पार्ट में लगातार नमी बने रहने और मृत कोशिकाओं व अंडों के जमा होने से बैक्टीरियल के कारण होता है। आमतौर पर योनि में यीस्ट इंफेक्शन तब होता है जब कैंडिडा एब्लीकैंस (एक प्रकार का यीस्ट) योनि में पाया जाता है। कैंडिडा अन्य सूक्ष्मजीवों (Microorganisms) के साथ बैलेंस में काम करता है लेकिन जब बैलेंस बिगड़ जाता है तो इनकी संख्या बढ़ जाती है और योनि तक पहुंच जाती है। यही योनि में यीस्ट इंफेक्शन का कारण भी बनती है।
प्रेगनेंसी में हो सकती है समस्या
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण उन्हें यीस्ट इंफेक्शन का सामना करना पड़ता है। वहीं गर्भनिरोधक दवा, डायबिटीज और कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
संक्रमण के लक्षण
. योनी में खुजली, जलन या असहजता महसूस होना।
. योनि या योनि मार्ग में दर्द होना।
. पेशाब या मल त्याग करते समय तेज दर्द
. सफेद व गाढ़ा योनिस्राव होना।
. लाल चकत्ते या दाने होना।
पर्सनल हाइजीन का रखें ख्याल
. दिन में कम से कम 2-3 बार पेड जरूर बदलें और प्राइवेट पार्ट की सफाई भी ठीक से करें।
. जब भी वॉशरूम जाए वैजाइना को पानी से जरुर धोएं।
. केवल कॉटन की अंडरवियर पहनें और गर्मियों में इसे बार बदलें।
. गीले स्विमसूट व कपड़े को तुरंत बदलें।
. पानी या किसी भी लिक्विड को वैजाइना में न जाने दे।
. वजाइना के आसपास के हिस्सों को रोजाना साफ करें।
. खुशबूदार प्रॉडक्ट्स जैसे साबुन, स्नान उत्पाद सैनिटरी उत्पाद को भी साफ रखे।
टैम्पोन के इस्तेमाल में सावधानी
अगर आप टैम्पोन का यूज करती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसे लंबे समय तक इस्तेमाल ना करें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती हैं। साथ ही इस बात की भी जांच कर लें कि वह साफ हो और इसे बार-बार बदलते रहें।
अब जानते हैं कुछ घरेलू नुस्खे
. वैजाइना की सफाई के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
. नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर ठंडा करें। फिर इससे वैजाइना की अच्छी तरह सफाई करें। इससे बैड-बैक्टीरिया खत्म होंगे और आपकी समस्या दूर होगी।
. टी ट्री ऑयल की 4 से 6 बूंदें नहाने वाले पानी में मिक्स करें।
. नारियल तेल लगाने से भी यीस्ट इंफैक्शन की समस्या दूर होगी।
. नहाने के पानी में अगर एप्पल साइडर सिरका मिला लिया जाए तो यीस्ट इंफेक्शन काफी हद तक ठीक हो सकता है।
. खराब रेजर का यूज करने से बचें।
एंटी-बैक्टीरियल फूड्स खाएं
डाइट में एंटी-बैक्टीरियल फूड्स जैसे लहसुन, अदरक, नींबू, दही, नारियल का तेल आदि शामिल करें। इससे इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके अलावा 8-9 गिलास पानी, प्रूट जूस और दूध जरूर पिएं।
आमतौर पर, दर्द और खुजली 3-4 दिनों के बाद अपने आप दूर हो जाती है लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो अपने गायनेकोलॉजिस्ट (Gynaecology) से सलाह लें।