हर लड़की चाहती है कि शादी के बाद वह अपने ससुराल वालों के साथ मिल जुलकर रहें। मगर, आजकल हर लड़की अपने ससुराल से अलग रहना चाहती है। यही नहीं, कुछ लड़कियां तो अपने पति व ससुराल वालों पर अलग होने के लिए दवाब भी डालती है। मगर, ऐसा क्या कारण है कि शादी के बाद लड़कियां अपने ससुराल में नहीं रहना चाहती...
सही वातावरण ना मिल पाना
हर परिवार का रहन सहन व व्यक्ति की आदतें एक-दूसरे से अलग होता है। ऐसे में बहू उसमें ढल ही जाए यह जरूरी नहीं। इतने सालों तक लड़कियां अपने मायके खुलेपन से जीती है। ऐसे में अगर ससुराल में उसे वैसा वातावरण ना मिल पाए तो वह एजस्ट नहीं कर पाती।
सास-ससुर से ना बनना
लड़कियों के लिए नई चीजों व वातावरण को अपनाना किसी चैलेंज से कम नहीं होता। मगर, बावजूद इसके अगर उसके सास-ससुर उसका साथ ना दें तो बहू को एजस्ट करने में दिक्कत आती है। धीरे-धीरे ये अंतर झगड़े का रूप लेने लगते हैं, जिसकी वजह से लड़कियां अलग होने का रास्ता अपनाती हैं।
अजस्टमेंट इशू
कई बार बहुओं को ससुराल के रिवाज और परंपराएं में ढलने में परेशानी आती है। महिलाओं के लिए जब इन स्थितियों में एजस्ट करना मुश्किल हो जाता है तो वह अलग होना ही बेहतर समझती है।
जेठानी से न बनना
जेठानी और देवरानी के बीच झगड़े होना आम बात हैं। इस स्थिति में कुछ महिलाएं रोज के झगड़ों की बजाए अलग हो जाने का रास्ता ही सही समझती हैं। हालांकि कई परिवार ऐसे भी हैं, जहां जेठानी-देवरानी मिल जुलकर रहती हैं।
पति के साथ समय नहीं मिल पाना
शादी के बाद पति-पत्नी पारिवारिक जिम्मेदारियां में ही इतना बिजी हो जाते हैं कि वह खुद के लिए क्वॉलिटी टाइम ही नहीं निकाल पाते। कई बार लड़कियां इस वजह से भी पति से ससुराल से अलग होने के बारे में सोचती हैं।
जरूरी नहीं कि अगर बेटा-बहू अलग रहे हैं तो उससे रिश्ते में दूरियां आ जाए। कई बार इससे परिवार ज्यादा सुखी रहते हैं, क्योंकि इसमें उनका एक-दूसरे की जिंदगी में दखल कम हो जाता है, जो रिश्ते में शांति बनाए रखता है।