घुटने का अचानक चटक जाना या उठते-बैठते पैरों में दर्द होना अब आम समस्या बनती जा रही है, जिसे ऑर्थराइटिस, गठिया भी कहते हैं। पहले जहां यह समस्या सिर्फ बढ़ती उम्र में होती थी वहीं अब कम उम्र में ही लोग इसकी चपेट में है। रिसर्च के मुताबिक, पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है, जिसका कारण कहीं ना कहीं आनुवांशिक, गलत लाइफस्टाइल और खानपान है।
60 वर्ष की उम्र से पहले ही दिखने लगी है दिक्कत
रिपोर्ट के अनुसार, आनुवांशिक कारणों से 60 साल की उम्र से पहले ही लोगों में ये समस्याएं दिखाई देने लगती हैं। भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जिनमें से 4 करोड़ लोगों को घुटना बदलवाने (टोटल नी रिप्लेसमेंट) की जरूरत है। भारत में हर 6 में से 1 व्यक्ति आर्थराइटिस से पीड़ित है, जिसमें महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। इतना ही नहीं, आर्थराइटिस से पीड़ित लगभग 30% रोगी 45-50 साल के हैं, जबकि 18-20% रोगी की उम्र 35-45 साल है।
गलत खान-पान है घुटनें खराब होने की वजह
शोध के मुताबिक, 60% महिलाएं हड्डियों से जुड़ी प्रॉब्लम्स जैसे आर्थराइटिस से ग्रस्त है, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं हाउसवाइफ होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं के शरीर में ताकत कम होने की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या बढ़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका खान-पान पुरुषों के बराबर नहीं होता। डॉक्टरों का कहना है कि इससे पीड़ित महिलाओं को नियमित व्यायाम करना चाहिए।
विटामिन-डी की कमी भी है कारण
रिसर्च के अनुसार, 90% भारतीय महिलाओं में आर्थराइटिस का सबसे बड़ा कारण विटामिन डी की कमी है। दरअसल, काम के चक्कर में महिलाएं अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती है, जिसके कारण उनमें यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
मोटापा है जोड़ों का दुश्मन
जोड़ों के दर्द का सबसे बड़ा कारण मोटापा है। दरअसल, वजन बढ़ने से कूल्हों व घुटनों पर असर पड़ता है जिससे जोड़ जल्दी खराब हो जाते हैं। वहीं, जमीन पर बैठना, आलथी-पालथी मारना व ज्यादा सीढ़िया चढ़ना के कारण भी जोड़ की ग्रीस जल्दी खत्म हो जाती है इसलिए ऑर्थराइटिस मरीजों को इससे बचना चाहिए।
कंसीव न कर पाना
जिन महिलाओं नें कभी बच्चे को जन्म नहीं दिया उनमें भी आर्थराइटिस का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा महिलाओं में यह बीमारी डिलीवरी, मेनोपॉज, फाइब्रोमायल्जिया, हार्मोन्स में बदलाव होने के कारण भी हो सकती है।
समय से पहले घुटने खराब होने का ये भी है कारण
. जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज
. प्रोटीन व कैल्शियम की कमी के कारण
. ट्रेडमील पर ज्यादा दौड़ना
. भरपूर नींद ना लेना
. ज्यादा देर तक एक ही जगह बैठे रहना
. गलत पॉश्चर में घंटों तक बैठना
. हाई हील्स पहनाना
क्या Knee रिप्लेसमेंट सर्जरी से ठीक हो सकते हैं घुटने?
कई लोगों को लगता है कि ज्वाइंड प्लेसमेंट यानि नी-रिप्लेसमेंट सर्जरी करवा ली है तो अब उन्हें कोई प्रॉब्लम्स नहीं आएगी। जबकि ऐसा नहीं है। सर्जरी के बाद भी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, नहीं तो यह समस्या बढ़ सकती है।
कैसे रखें बचाव?
. ज्यादा से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करें लेकिन हार्ड वर्कआउट से बचें।
. डाइट में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे सभी जरूरी तत्व लें और वजन को कंट्रोल में रखें।
. एक ही जगह पर अधिक देर तक ना बैठें। ऑफिस में भी बीच-बीच में 5-6 मिनट का ब्रेक लेते रहें।
. अरंडी के तेल से मालिश करें। इससे दर्द और सूजन से राहत मिलेगी।