बाॅलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद एकट्रेस दीप्ति नवल ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है। शेयर की पोस्ट में दीप्ति ने 90 दशक की शुरुआत में डिप्रेशन से अपनी लड़ाई और आत्महत्या जैसे ख्यालों को बयां किया है। उन्होंने सुशांत को श्रद्धांजलि देते हुए एक कविता भी शेयर की है जिसे उन्होंने डिप्रेशन से उबरने की लड़ाई के दौरान लिखी थी।
दीप्ति ने शेयर की कविता
दीप्ति की कविता का शीर्षक ‘ब्लैक विंड’ है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'इन अंधेरे दिनों में…काफी कुछ हो रहा है…दिलो-दिमाग एक बिंदू पर जाकर ठहर गया है…या सुन्न हो गया। आज ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं उस कविता को साझा करूं जिसे मैंने अवसाद, व्यग्रता और आत्महत्या के ख्यालों के साथ अपनी लड़ाई के दौरान लिखा था…हां.. लड़ाई जारी है…।'
उन्होंने लिखा:
व्यग्रता और बेचैनी ने,
दोनों हाथों से पकड़ ली है मेरी गर्दन.....
मेरी आत्मा में बहुत गहरे तक धंसे जा रहे हैं,
इसके नुकीले पंजे.....
सांस लेने को छटपटा रही हूं मैं, अपने बिस्तर के तीखे चारपायों से लिपट कर...
टेलिफोन बजता है… नहीं, बंद हो गया… ओह!
कोई बोल क्यों नहीं रहा है?
एक इंसानी आवाज, इस शर्मनाक,
निष्ठुर रात की खाई में…
ये रात जो गहरे अंधकार में डूब गयी है,
और इसने ओढ़ ली है एक बैंगनी नीली सी चादर.....
अपने भीतर महसूस कर रही हूं एक गहरा अंधकार।’
ये कविता दीप्ति मे 28 जुलाई, 1991 में लिखी थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 90 के आखिरी दशक में उन्हें काम मिलना बेहद कम हो गया था। दीप्ति नवल ने साल 1978 में आई फिल्म ‘जुनून’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘चश्मे बद्दूर’, ‘अनकही’, ‘मिर्च मसाला’, ‘साथ-साथ’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।