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गलवान घाटी में पति हुआ शहीद पर नहीं टूटा रेखा का हौसला, आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर दुश्मनों से लेंगी लोहा

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 21 Apr, 2023 06:27 PM
गलवान घाटी में पति हुआ शहीद पर नहीं टूटा रेखा का हौसला, आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर दुश्मनों से लेंगी लोहा

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प में मारे गए 20 बहादुरों में से एक की पत्नी को इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वो कई और नहीं बल्कि शहीद नायक दीपिक सिंह की पत्नी रेखा सिंह हैं। सेना के एक आधिकारी ने इस बारे में जानकारी गुरुवार को दी। पति के शहीद होने के बाद रेखा को हौसला टूटा नहीं ब्लकि उन्होंने भी अपने पति की तरह देश की सेवा करने की ठानी...

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रेखा सिंह बनेंगी लेफ्टिनेंट

रेखा की शादी बिहार रेजिमेंट के 16वीं बटालियन के नायक दीपक सिंह से हुई थी। शादी के 15 महीने बाद में ही रेखा ने अपने पति को खो दिया। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने पति के विरासत को आगे बढ़ाया और सशस्त्र बल में करियर बनाने का विकल्प चुना। सेना की तरफ से भी ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है, जो अपने पति के नक्शेकदम पर चलते हुए चलकर देश की सेवा करना चाहती हैं। इसके तहत शहीदों की पत्नियों को परीक्षा में छूट भी मिलती है। आयु सीमा में भी छूट मिलती है। रेखा ने उन 200 कैडेट्स में शामिल है, जो 29 अप्रैल को चेन्नई स्थिति ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ग्रेजुएट होंगी। इसमें 40 महिलाएं शामिल हैं।

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दीपक सिंह को वीर चक्र से किया गया था सम्मानित

चाइनीज आर्मी के जवानों के साथ लोहा लेते हुए नायक दीपक सिंह शहीद हुए थे। इसके बाद नवंबर 2021 को दीपक को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वीर चक्र देश का तीसरा सबसे बड़े युद्ध कालीन सैन्य सम्मान है। सिर्फ परमवीर चक्र और महावीर चक्र इससे बड़ा सम्मान होता है। गलवान में शहीद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।

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गलवान में चीनी सैनिकों से 7 घंटे चला था खुनी संघर्ष

गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स आर्मी के सैनिकों के साथ इंडिया आर्मी के जवानों की झड़प पेट्रलिंग पॉइंट 14 के पास हुई थी। दोनों देशों के सैनकों के बीच 7 घंटे तक खूनी संघर्ष चला। चीनी सैनिक पूरी तैयारी के साथ हमवे की नियत से आए थे, जिसका मुकाबला भारतीय जवानों ने बहादुरी से किया। इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि एक अनुमान के मुताबिक चीन के दोगुने सैनिक मारे गए थे, लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर सिर्फ 4 सैनिकों की शहीद होने की बात कबूली थी।

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शादी से पहले टीचर थीं रेखा

बता दें शादी से पहले रेखा एक टीचर थीं। वो सिरमौर के जवाहर नवोदय विद्दालय में पढ़ाती थीं। पति की शहादत के बाद रेखा को मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से शिक्षाकर्मी वर्ग- 2 पद में नियुक्ति दी गई थी।
 

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