कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसकी चपेट में बुजुर्गों के साथ साथ बच्चे भी आ रहे हैं वहीं इस वायरस से लोग जिंदगी भी हार रहे हैं। चाहे इस की वैक्सीन पर काम चल रहा है लेकिन इस वायरस के साथ तब तक जीना पड़ेगा जब तक इसकी वैक्सीन आम लोगों के बीच नहीं आ जाती हैं।
दूसरी तरफ ऐसे कईं शोध भी सामने आए हैं जिसमें यह बात सामने आई है कि इस वायरस के संक्रमण का खतरा सबसे ज्याया उन लोगों को है जिनकी इम्यूनिटी स्ट्रांग नहीं है वहीं दूसरी तरफ उन लोगों को भी इससे अधिक खतरा है जिन्हें डायबिटीज है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन लोगों को डॉक्टर्स बचाव करने के लिए कह रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि इस बीमारी का खतरा सिर्फ डायबिटीज के मरीजों को है।
दरअसल हाल ही में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि उन लोगों को भी कोरोना का अधिक खतरा है जिन्हें गठिए की समस्या है। अगर बात विशेषज्ञों की करें तो गठिया और शरीर की इम्यूनिटी पॉवर एक दूसरे के साथ जुड़े होते हैं ऐसे में गठिए से होने वाला दर्द कोरोना की स्थिति पैदा कर सकता है और जब गठिए की दर्द होती है तो इससे कोरोना के संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है।
पैदा हो जाती है ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
ऐसी स्ठिति में एक और समस्या पैदा हो जाती है और वह है ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की। दरअसल इस ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में शरीर की इन्यूनिटी अपने ही शरीर के अंदर की सारी स्वस्थ कोशिकाओं को मारने लगता है और फिर ऐसे समय में कोरोना का रूप सबसे ज्यादा खतरनाक हो जाता है।
शरीर हो जाता है कमजोर
कोरोना के लक्षणों के बारे में तो सब जानते हैं इससे बुखार, खांसी के साथ साथ कमजोरी भी होने लगती हैं इसलिए गठिए के मरीजों को इससे ज्यादा सर्तक रहने की जरूरत होती है क्योंकि ऐसी स्थिति में शरीर और कमजोर होने लगता है।
महिलाएं बरते सावधानियां
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि 40 प्लस होने पर होते ही महिलाओं को जोड़ों में दर्द की समस्या होने लगती हैं और वह इसे हल्के में लेती हैं। ऐसे में अब इस को हल्के में न लें और जितनी हो सके सावधानी बरतें।