शरीर को बीमारियों से बचाए रखने के लिए सही मात्रा में सभी पोषक तत्वों का लेना बेहद जरूरी है। ऐसे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम न मिलने पर दांत और हड्डियां कमजोर होने लगते है। इसके साथ ही दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ता है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए अक्सर लोग कैल्शियम की गोलियों का सेवन करते है। मगर ये स्थाई रूप से काम नहीं करते है। ऐसे में इस कमी को अपनी डेली डाइट कुछ बदलाव लाकर पूरा किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान
गर्भ धारण करने के बाद किसी भी महिला को पहले से दोगुनी कैल्शियम की जरूरत पड़ती है। ताकि गर्भ में पल रहें भ्रूण का अच्छे से विकास हो सके। एक्सपर्टस के अनुसार अगर कोई महिला इस टाइम पीरियड पर कैल्शियम सही मात्रा में नहीं लेती है तो बच्चे के विकास में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसकी कमी के कारण बच्चा मानसिक या शारीरिक तौर से कमजोर या अपंग पैदा हो सकता है।
उम्र का फर्क
बच्चे का शारीरिक विकास उसके जन्म से ही शुरू होता है। जन्म के 7-8 महीनों के बाद बच्चे के मुंह में दांत आ जाते है। ऐसे में उम्र बढ़ने के साथ कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में चाहिए होता है। जहां युवावस्था के दौरान शरीर में काफी कैल्शियम पाया जाता है वहीं उम्र बढ़ने के साथ इसे ग्रहण करने की शक्ति कम होने लगती है। इसी कारण वृद्धावस्था में पहुंत कर व्यक्ति के दांत और हड्डियां कमजोर होने लगती है। इसीलिए अभी से है अपनी डेली डाइट में कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करें ताकि आगे चलकर किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।
कमी होने पर
बॉडी में कैल्शियम की कमी होने पर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसकी कमी से हड्डियां और दांत कमजोर होते है। इसके अलावा दिल और दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही मस्तिष्क संबंधी रोग, हृदय संबंधी रोग, ब्रेन स्ट्रोक, थकान, जोड़ो में दर्द, नाखूनों का टूटना, नाड़ी की समस्या, कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना या असंतुलित होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसकी कमी होने से महिलाओं में मासिक धर्म में परेशानी भी होती है।
तो चलिए जानते उन चीजों के बारे में जो कैल्शियम की कमी को पूरा कर स्वस्थ शरीर पाने में फायदेमंद होते है।
डेयरी प्रोडक्ट
दुग्ध पदार्थ कैल्शियम के मुख्य स्त्रोत होते है। इसके लिए हमेशा अपनी डाइट में दूध और इससे बनी चीजें जैसे कि दही, पनीर, छाछ आदि का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।
सफेद तिल
सफेद तिल कैल्शियम का एक अच्छा स्त्रोत माना जाते है। आप इसका दूध या लड्डू बनाकर सेवन कर सकते है। इसका दूध बनाने के लिए तिल को पूरी रात भिगो कर रख दें। सुबह होने पर इसे मिक्सी में पीस कर स्मूद सा पेस्ट तैयार करें। फिर उसे दूध में मिक्स कर पीने से बॉडी के लिए काफी फायदेमंद होता है।
सोयाबीन और मूंगफली
सोयाबीन को कच्चा या इसका दूध पीना सेहत के लिए काफी फायेदमंद होता है। इसके साथ ही कच्ची मूंगफली को पूरी रात भिगोकर रखने और सुबह छिलका निकालकर खाना सेहत के लिए अच्छी होती है। इनमें कई पोषक तत्व होने के साथ कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए सोयाबीन और मूंगफली का सेवन करना बेस्ट ऑप्शन है।
ड्राई फ्रूट्स
सूखे मेवों जैसे कि बादाम, किशमिश, पिस्ता, अखरोट, अंजीर, काजू को खाने से बॉडी को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है। इसके साथ ही ये बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते है।
फल और हरी पत्तेदार सब्जियां
फलों और सब्जियां पोषक तत्वों से भरी होती है। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसके साथ इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। इसलिए अपनी डेली डाइट में संतरा, आंवला, नारियल की गिरी, सूखा नारियल, कीवी, अनानास, शकरकंद, शलजम, सेब, अमरूद, टमाटर आदि सिट्रस और कैल्शियम से भरे फलों का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम से भरपूर सब्जियों की बात करें तो उनमें ब्रोकली कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके अलावा पालक, साग, सेम की फली, कमल ककड़ी, अरबी, कड़ी पत्ता, गोभी और ब्रोकली के पत्तों में भी कैल्शियम होने से इनका नियमित सेवन करना फायदेमंद होता है।
साबूत अनाज और दालें
अनाज और दालों में भारी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। इसलिए रोजाना बाजरा, मक्का, दालें, चने, जीरा, काली मिर्च आदि कैल्शियमयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए।